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गणतंत्र दिवस

26 जनवरी 2023

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वर्षो की गुलामी से भय मुक्त हुए
एक समान बनने को हम तैयार हुए

रखकर अपने कदम वैश्विक हर पहलू पर
देखो हम लोकतंत्र के रूप में प्रतिष्ठित हुए

395 अनुच्छेद 12 अनुसूची और 25 भाग में
विभाजित होकर विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान बना

संप्रभुता संपन्न, समाजवादी ,पंथनिरपेक्षता की सोच के साथ
देखो भारत हमारा लोकतांत्रिक गणराज्य बना

फिर दे मूल अधिकार भारतीय जनता को
कुछ कर्तव्यों के निर्वहन हेतु आह्वान किया

या बनाने कुछ को अपना सर्वे सर्वा नेता
स्वयं को चुनने का फिर अवसर दिया

खुशहाल जीवन की आस में
संविधान को हमने आत्मस्वरूप दिया

पर जब देखा करीब से हमने इसे
राजनीति के हाथों में खुद को गुलाम किया

तोड़ डाली जब बेड़ियां सब हमने
तो क्यों सिर्फ नासूर अतीत को हमने याद किया

वर्तमान में फैला कुछ कमियों को फिर से
भविष्य पर हमने यू प्रहार किया

खोखला किया संविधान को स्वार्थ से
संशोधन किया फिर तरक्की के नाम पर

और अब खरीद पत्रकारिता को हमने
संविधान को शायद यूं शर्मसार किया

लौटा है फिर से गणतंत्र दिवस
चलो इस बार भी कुछ क्रांति करते हैं

चंद स्वार्थी फैसलों के लिए बनाए जो नियम
उन्हें सही कर संविधान को पुनर्जीवित करते हैं

न्यायपालिका को फिर से मजबूती देते हैं
कार्यपालिका को अब फूटनीति से मुक्त करते हैं

और दिखाते हैं लोकतंत्र की शक्ति को
कर खुशहाल सबका जीवन फिर
हम शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं

कोशिश करते हैं मिटा सके हम भ्रष्टाचार को
धर्म ,जाति कर्म आदि के भेदभाव को

प्रयोग कर फिर से मूल अधिकारों का
देश को हम चमन करते हैं

गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में हम भी
वर्तमान के क्रांतिकारी बनते हैं

और बदल देते हैं नासूर बनते उसूलों को
स्वर्णिम संविधान की कुछ ऐसे ताजा करते हैं

74 वे गणतंत्र दिवस पर चलो
सोने की चिड़िया को हम
हीरो से सजाने की कसम खाते हैं

भारतीय जनता ही इसकी ताकत
चलो फिर छोटी मोटी कमियों  को हम दूर करते है ।

जय हिंद

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रचनाएँ
ख्वाबों की दुनिया
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कुछ ख़्वाब या कुछ उम्मीद जो शब्दों में आजकर हकीकत में होने का आभास करवा रही है । कुछ कविताओं के संकलन अनेक पहलुओं से जो मिलवा रही है ।
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अफसाना

2 मई 2022
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अफसानाअफसाना बनाकर मेरे ख्यालो कावो हर रात महफ़िल सजाते रहे दोस्तो के बीच ऊँचाई दिखाने के लिये हमारे ख्यालों को गिराते रहें ।कहते हर जज्बात थे उनसे हमजिनका वो अफसाना बना

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माँ

8 मई 2022
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बिना दिखाई दिए भी हर जगह दिखाई देती है वो..बिना बताए भी हर हाल जान लेती है वो..कुछ तो बात है उनकी इबादत में कि..बिन मांगे भी हर दुआ कबूल कर देती है वो..खुद रोकर भी मुझे ख़ुशी द

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अजीब बात है ना

4 जुलाई 2022
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अजीब बात है ना..... एक वक्त था जब तुम्हे देखने के ख्याल से ही दिल मचल उठता था  और अब तुम्हे देखकर भी लब खामोश हो जाते है । मैं चाहूं तो भी समझा नही पाता कितने भी पिरों लूँ लफ्ज़  बयां कर

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रेतीला अरमान

4 जुलाई 2022
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Name Abhishek jain Insta @ajain_words रेतीला अरमान अरमानों की तर्ज पर  एक घर हमनें भी बनाया है  पसीनों की बूंद को, रेत में मिला एक रेतीला ख्वाब सजाया है  विशाल समंदर किनारे ढलती शाम

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शांति

19 जुलाई 2022
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बहती पानी की धारा, जब सिर को भिगोती है । दूर कहीं पहाड़ों पर, जब एकांत में आंखे बंद होती है । पक्षियों की चहचहाट के बीच पानी की गिरती कल कल की आवाज़, जब मन को शांत कर देती है । दुनिया की फिक्र से

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त्यौहार

23 अक्टूबर 2022
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*HAPPY DIWALI FRIENDS* ©️  Abhishek jain  IG Ajain_words त्यौहार ( दिवाली ) जगमग तारों की रोशनी तले  कुछ ख्वाबों के दीए जलाए हैं  अतीत की कुछ घटनाओं के लिए  हमने खुशियों के दिन मनाए हैं

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गणतंत्र दिवस

26 जनवरी 2023
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साथ

19 मई 2024
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निस्वार्थ की गई दोस्तीमें हक मांगे नही जातेयदि निभा रहा कोई एक पूरी शिद्दत से अपना फर्जतो उसकी खशी को अपने स्वार्थ सेछुपा नही सकते ये मसला है चंद लमहा काइसे सालो तक खींचा नही करतेयदि रखता है

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