2015 में शुरू कया गया स्वाच भारत अभियान हमरे देश के लोगों में स्वछता के तरफ ध्यान और जागृत बढ़ाने के लिए स्तापित किआ गया था | मैं इस बात से पूरा सहमत हूँ की जनता के सहयोग से हे देश स्वाच और सुन्दर बन सकता है| देश के सभी हिस्से को स्वाच करना और स्वाच
" नववर्ष मंगलमय हो " " हमारा देश और समज नशामुक्त हो " नशा जो सुरसा बन हमारी युवा पीढ़ी को निगले जा रहा है ,
आरोप प्रत्यारोप के बीच में me too का जो मुख्य उद्देश्य था, वह लोगों की सोच और फालतू बहसबाज़ी के बीच खो गया ।अभी अभिनेत्रियों ने पहल की है, इसलिए यह गलत लिया जा रहा है ।जो बड़े पद पर हैं इसका यह निहतार्थ नहीँ की वो साफ छवि के ही हैं , साहस का कार्य तो है ही क्योंकि आरोप लगाने के साथ आप की भी इज्जत की ब
किसी भी बात को तभी भाव मिलता है जब उसे भाव देने वाले देते हैं. भाव नकारात्मक हो या सकारात्मक, दोनों ही स्थितियों में भाव खाने वाला अगर भाव नहीं खाएगा तो क्या करें. ऐसी स्थिति में अच्छा यह है कि भाव दिया ही न जाए. मतलब पूर्ण बहिष्कार. भला जिंदगी भी किसी के रुके से रुकी है क्या. जिंदगी को जहां तक बहना
आप भी मेरे साथ “ स्वच्छता शपथ ” दोहराइए. ... महात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था, उसमें सिर्फ राजनैतिक आजादी ही नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना भी थी । महात्मा गांधी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़कर माँ भारती