सखि,
आज ये मैं क्या सुन रहा हूं ? कानों पर विश्वास ही नहीं हो रहा है । वो जो ढोल नगाड़े बजा बजाकर , चीख चीखकर कहते थे कि इस देश में इकलौते ईमानदार केवल वही हैं । बाकी सब बेईमान हैं । इस देश में दो आदमी ही तो ईमानदार और सत्यवादी हुए हैं । एक तो राजा हरिश्चंद्र और दूसरे मिस्टर "गिरगिट लाल" ।
"मिस्टर गिरगिट लाल" का जन्म अन्ना आंदोलन और मीडिया हाइप के संयोग से हुआ । आजकल मीडिया नेता बनाने और बिगाड़ने के काम में मशगूल है । सखि, इस धंधे में पैसा ही पैसा है , सत्ता की धमक भी है और राज्य सभा में जाने का जुगाड़ भी है । तो मीडिया ने "मिस्टर गिरगिट लाल" को हीरो बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी । इस प्रचार अभियान के चलते "मिस्टर गिरगिट लाल" ने भी मीडिया को उपकृत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है । जनता की गाढी कमाई विज्ञापनों पर बुरी तरह से लुटाई गई । आजकल ईमानदारी ऐसी हो गई है सखि कि वह दिखती नहीं है इसलिए उसे दिखाने के लिए विज्ञापनों का सहारा लेना पड़ता है, सखि ।
एक नई राजनीति करने आए "मिस्टर गिरगिट लाल" कहा करते थे कि ना तो बंगला लेंगे, ना गाड़ी लेंगे , ना सुरक्षा लेंगे और ना ही कोई सुविधा लेंगे । आज ऐसी कोई सी भी सुविधा नहीं है जो उन्होंने नहीं ली हो । यहां तक कि लगभग 100 गनमैन उसकी सुरक्षा में लगे बताए । कभी बच्चों की कसम खाते थे कि इस या उस दल से मिलकर सरकार नहीं बनाएंगे । मगर आज उसके बच्चे भी बहुत दुखी हैं और कहते हैं "पापा, आपने अपनी राजनीति चमकाने के लिए हमें ही मोहरा बना लिया" । तो "मिस्टर गिरगिट लाल" ने बच्चों को शिक्षा देते हुए कहा "राजनीति में कोई सगा नहीं होता । यहां नाते रिश्तों का कोई मोल नहीं होता । मैं अपने घरवालों का ही नहीं हुआ तो बाहर वालों का कहां से हो जाऊंगा " ?
तो , नई तरह की राजनीति के नजारे पिछले 10 वर्षों से देख रही है जनता । सबसे ईमानदार पार्टी । और उस पार्टी के सबसे ईमानदार मंत्री को आज भ्रष्टाचार के मामलों में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है । ये है इनकी असली औकात । भेड़ की खाल के अंदर भेड़िये बैठे हुए हैं । जनता जितनी जल्दी समझेगी उतना ही अच्छा है । नहीं तो भोली भाली जनता को देते रहेंगे ये गच्चा है । अब जनता को ही तय करना चाहिए कि उन्हें क्या पसंद है ? पर कलई सबकी खुलनी जरूर है । आज सबसे ईमानदार पार्टी के सबसे ईमानदार मंत्री की खुली है तो कल "मिस्टर गिरगिट लाल" की भी खुलेगी । एक दिन सबका नंबर आयेगा ।
हरिशंकर गोयल "हरि"
30.5 22