(टिंग-टॉन्ग.... दरवाजे पर घन्टी बजती है। )
" बहु देखना कौन है? " सोफे पर लेटकर टीवी देख रहे ससुर ने कहा।
माया किचन से निकलकर दरवाज़ा खोलती है। हां जी, आप कौन?
महिलाओं की स्थिति पर एक सर्वे चल रहा है। उसी की जानकारी के लिए आई हूँ।'
दरवाज़े पर खड़ी महिला ने जवाब दिया। कौन है बहु? पूछते हुए ससुरजी बाहर आ जाते हैं।
महिला- 'बाऊजी सर्वे करने आई हूँ।'
घनश्याम जी- 'हां पूछिए' महिला- 'आपकी बहु सर्विस करती हैं या हाउस वाइफ हैं?'
माया हाउस वाइफ बोलने ही वाली होती है कि उससे पहले घनश्याम जी बोल पड़ते हैं , घनश्याम जी- सर्विस करती है।
'किस पद पर हैं और किस कंपनी में काम कर रही हैं?' महिला ने पूछा।
घनश्याम जी कहते हैं - वो एक नर्स है, जो मेरा और मेरी पत्नी का बखूबी ध्यान रखती है। हमारे उठने से लेकर रात के सोने तक का हिसाब बहु के पास होता है। ये जो मैं आराम से लेटकर टीवी देख रहा था ना वो माया की बदौलत ही है।
घनश्याम जी आगे कहते है" माया बेबीसीटर भी है। बच्चों को नहलाने, खिलाने और स्कूल भेजने का काम भी वही देखती है। रात को रो रहे बच्चे को नींद माँ की थपकी से ही आती है। वो कहते हैं, मेरी बहु ट्यूटर भी है। बच्चों की पढ़ाई -लिखाई की जिम्मेदारी भी इसी के कंधे पर है".
अपनी बहु की तारीफ़ करते हुए वो कहते हैं, घर का पूरा मैनेजमेंट इसी के हाथों में है। रिश्तेदारी निभाने में इसे महारत हासिल है। बेटा एयरकंडीशन्ड ऑफिस में चैन से अपने काम कर पाता है तो इसी की बदौलत। इतना ही नहीं ये मेरे बेटे की एडवाइजर भी है। खाना बनाना तो इसके बाएं हाथ का काम है। ये हमारे घर की इंजन है। जिसके बग़ैर हमारा घर तो क्या इस देश की रफ़्तार ही थम जाएगी।
" बाऊजी मेरे फॉर्म में इनमें से एक भी कॉलम नहीं है, जो आपकी बहु को वर्किंग कह सके। "
घनश्याम जी मुस्कुराते हुए कहते हैं, फिर तो आपका ये सर्वे ही अधूरा है।
महिला- 'लेकिन बाऊजी इससे इनकम तो नहीं होती है ना। "
घनश्याम जी कहते हैं, " अब आपको क्या समझाएं। इस देश की कोई भी कंपनी ऐसी बहुओं को वो सम्मान, वो सैलरी नहीं दे पाएंगी। बड़ी शान से वो कहते हैं, मेरी हार्ड वर्किंग बहु की इनकम हमारे घर की मुस्कुराहट है।"