"अहसास हमेशा ज़िदा रहते हैं"
हाँ! मैने माना कि मै पैसंठ का हो गया हूँ,
पर तुम भी कौन सा सोलहवे साल में लगी हों?
मेरी उम्र हो गई है मुझे कहाँ इससे इंकार है?
पर तुम शायद नहीं जानती प्रिय,
हमने अपने जीवन के चालिस साल एक साथ गुज़ारे हैं।
मैं पैंसठ का बेशक हो चुका हूँ पर ....
आज भी मेरा दिल धड़कता है सिर्फ तुम्हारे लिए।
आज भी पुराना वक्त याद आता है जब हम दोनो लॉंग ड्रांईविन पर जाया करते थे।
ये माना आज मुझे प्यार में पागलपन अच्छा नहीं लगता, पर
प्रिय, आज भी तुम्हारा साथ मेरी रूह को महकाता है।
महफिले सजती हैं पर
लुका छुपी का खेल मैं अब नहीं खेलता।
पर आज भी भरी महफिल में तुम्हारे चेहरे पर ही मेरी नज़र टिकी रहती है।
ये माना कि आज मैं मोहब्बत में दिवाना नहीं कहलाता पर,,,,
आज भी तुम मेरे लिए मेरी लैला ही हो।
तुम्हारी पसंद का आज मैं ख्याल नहीं रखता
ये तुम कहती हो,,,
यह तो सोचो कि अगर आज भी मैं तुम्हें चाट पकौड़ी खिलाऊँ तो क्या पचा पाओगी?
अगर हो गई तुम बीमार तो
सोचा है कभी कि मेरा क्या होगा?
प्रिय, सच तो यह है कि हम दोनो ने प्यार से एक दूसरे का दिल जीतकर इतने वर्ष एक साथ गुज़ारे हैं,
मुझे आगे भी तुम्हारा साथ चाहिए,,
बेशक मैं पैसंठ का हो गया हूँ पर
आज भी मुझे तुम में मेरी बीस साल वाली जीवनसंगिनी ही नज़र आती है।
तुम्हारा ऐसा मानना है कि मुझे गुस्सा आने लगा है
पगली ये गुस्सा नहीं है महसूस करो एक बार,
यह मेरा अधिकार है तुम पर, जो मैं जताता हूँ ।
मैं पैसंठ का हो चुका हूँ...
तुम कहती हो कि आज मैं तुम्हारा हूँ,
प्रिय मैं तो हमेशा से सिर्फ तुम्हारा ही था और
आगे भी तुम्हारा ही रहूगाँ।
प्रेम को कभी कोई उम्र नहीं बांध सकती।
चाहे वह पैसंठ हो या नब्बे....
शाहाना परवीन...✍️