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मुकाम

11 मार्च 2022

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मुकाम 
मुकाम बनाऊँ मैं कैसे ?
तुम साथ नहीं हो।
तलब नहीं अब कोई तुम्हारे सिवा
तुम पास नहीं हो।
कैसे करूँ इशारे? 
मुकाम बनाऊँ मैं कैसे?

मुख्तलिफ ख्याल आते हैं मन में,
दिल को बेचैन कर जाते हैं
कोशिश करती हूँ कुछ कहने की
होंठ मेरे सिल जाते हैं
कैसे करूँ इशारे?
मुकाम बनाऊँ मैं कैसे?

गुफ्तगूं करूगीं तुमसे
पास जब तुम आओगें।
सीने से लगाओगे,
राब्ता दिखाओगे।
तुम बिन कैसे करूँ इशारे?
मुकाम बनाऊँ मैं कैसे?

शाहाना परवीन...✍️article-image
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