माँ जगदम्बा का रूप नारी
नारी मे ही बसी सीता, नारी ही राधा और मीरा है।
नारी कोमल हृदय वाली, नारी ही काली अवतार है।
मां जगदम्बा का ही एक रूप नारी शक्ति
परिवार की कल्याणी , नारी शक्ति।।
नर की शक्ति केवल नारी, इतिहास उठाकर देखो,
नारी है शोभा हर घर की, नारी ही सम्मान है।
मां जगदम्बा का ही एक रूप नारी शक्ति
परिवार की कल्याणी , नारी शक्ति।।
नारी है मूर्ति प्रेम की, नारी ही त्याग और विश्वास है।
नारी से महकते घर - आँगन, नारी परिवार की पहचान है।
मां जगदम्बा का ही एक रूप नारी शक्ति
परिवार की कल्याणी , नारी शक्ति।।
अंधकार से भरा जीवन, नारी प्रकाश भर देती है,
नारी का प्रेम पुरूषो में नई शक्ति का संचार है।
मां जगदम्बा का ही एक रूप नारी शक्ति
परिवार की कल्याणी , नारी शक्ति।।
नारी यदि नहीं होती तो क्या यह संसार आगे बढ़ पाता?
नारी ही सृष्टि की निर्मात्री, नारी ही संसार की कहानी है।
मां जगदम्बा का ही एक रूप नारी शक्ति
परिवार की कल्याणी , नारी शक्ति।।
कभी बनती बेटी, कभी बहन ,कभी पत्नी कभी माँ,
नारी देती जन्म संतान को , नारी ही युगो-युगों की कहानी है।
मां जगदम्बा का ही एक रूप नारी शक्ति
परिवार की कल्याणी , नारी शक्ति।।
मत सताओ नारी को इनका श्राप नष्ट कर देगा,
चाहे छुप जाओ सात तालों में, पूरे वंश का अंत कर देगा।
मां जगदम्बा का ही एक रूप नारी शक्ति
परिवार की कल्याणी , नारी शक्ति।।
कोमल हृदय की स्वामिनी नारी, पायल की झंकार है,
जिस घर में लेती जन्म बेटी, उस घर पर माता लक्ष्मी, सरस्वती का वरदान है।
मां जगदम्बा का ही एक रूप नारी शक्ति
परिवार की कल्याणी , नारी शक्ति।।
शाहाना परवीन...✍️