आज अचानक मुझे
उन लम्हो की याद आई,
वो भी क्या वक्त था।
जब हम अपने दोस्तो के साथ,
खुब मजे से दिन भर खेला करते थे।
न किसी का डर न किसी की डाट,
बस अपनी ही धुन मे रहा करते थे।
आजकल के बच्चे भी दिन भर,
मोबाइल मे गेम खेला करते है।
उन्हे भी न किसी का डर न किसी की डाट,
बस अपनी ही धुन मे रहा करते है।
फर्क बस इतना सा है,
हम अपनो के साथ खेला करते थे
ओर अब मोबाइल के साथ खेला करते है।
आज अचानक मुझे उन लम्हो की याद आई।