जन जन तक पहुँचे संदेश ,संकट में हैं सारा देश |फिरसे गुलामी आ रही बदल बदलकर देखों भेष ||अखिल भारत वैचारिक क्रांति मंच भारत का राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष |
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“माँ” *गीत* जब तक हैं माँ घर के अंदर ,रोशन कोना कोना है |माँ की ममता से हर घर, हों जाता सोना सोना है || (१)माँ की गोद है नर्म बिछौना- लोरी सुन सुन सोता हूँ |माँ का आँचल जब ना मिलता,मैं जोर जोर से रोता हूँ ||*जब तक माँ ना आजाती है,सारे घर में रोना है ......