यह किताब शायरी की है।
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वह तो अपनी एक आदत भी बदल न सकेऔर कम्बख़त हम अपनी पूरीजिंदगी बदल बैठे।
इश्क का तो पता नहीं पर जो तुमसे हैवो किसी और से इश्क का तो पता नहीं पर जो तुमसे हैवो किसी और से