ख्याल उनका
ख्याल उनका इस कदर जहन में छाया है
दिन के उजाले में हमे चाँद नजर आया है
हम तो बैठे हैं उनके सरमाये में
उनके जहन में भी हमारा ख्याल आया है
निगाहों से गुफ्तगू की ये अदा
हमने भी निगाहों से ही कबूल फरमाया है
चाँद को मीत कहु ख्याल बुरा नही
उस चाँद में उसका अक्स नजर आया है