सफर का पयाम होगा,
अंतिम वो विराम होगा।
श्वांस भी होगी मद्धिम,
जब महाप्रयाण होगा।
वो दिन आखिरी होगा.....!!!
लिखती कलम शब्द जो,
वो पृष्ठ भी अंतिम होगा।
भाव,कल्पना मर्म सब,
सदृश्य जब प्रतीत होगा।
वो दिन आखिरी होगा.....!!!
देह थामेगी निष्क्रियता,
होगी धड़कन निस्तारित।
दृश्य सब होंगे गमगीन,
द्रुतयान होगा संचालित।
वो दिन आखिरी होगा....!!!
हसीं होगी वो रात भी,
सजेगी फिर बारात भी।
करेंगे रुदन नयन जब,
बजेंगे ढोल मृदंग सब।
वो दिन आखिरी होगा.....!!!
स्वरचित :- राठौड़ मुकेश