फूलों की बाग में,
सुरों की राग में।
शिक्षा की किताब में,
खुशबू की गुलाब में।
जो है भूमिका,
वही तेरी मेरे जीवन में है!!
मूर्ति की मंदिर में,
आस्था की प्रार्थना में।
विश्वास की मन में,
आत्मा की तन में।
जो है भूमिका,
वही तेरी मेरे जीवन में है!!
सूरज की दिन में,
चंदा की रैन में।
तारों की गगन में,
मेघों की बरसात में।
जो है भूमिका,
वही तेरी मेरे जीवन में है!!
प्रीत की प्रणय में,
नेह की आलिंगन में।
अश्क की नयन में,
लहर की सागर में।
जो है भूमिका,
वही तेरी मेरे जीवन में है!!
स्वरचित :- "राठौड़ मुकेश"