shabd-logo

अनुभव4

11 मई 2022

22 बार देखा गया 22
जिस पर विश्वास किया
उसने छोड़ दिया
उसकी इन हरकतों ने
मुझे अंदर तक तोड़ दिया

कोई नहीं था मेरा उसका सिवा
पर उसे जरूरी लगता है मुझसे भी ज्यादा पैसा
अपना माना जिसे सहारा
मन उसी की हरकतों मे टूट कर हारा

दोस्तों के साथ करो एन्जॉय
उनके साथ मिलती है आपको खुशी
हरबार हर बात में दिखती है बस मेरी गलती

माफ करना जो इतना आपसे प्यार किया 
माफ करना जो इतना आप पर एतबार किया
10
रचनाएँ
अनुभव ; का पुरुस्कार
0.0
जीवन के अनुभवों पर आधारित कविता संग्रह
1

अनुभव 1

11 मई 2022
2
0
0

डर सा लग रहा हैजैसे सब कुछ हाथ से फिसल रहा हैकुछ भी नही जीवन मे अब पहले जैसा न मन है न तन हैबस कहने को जीवन हैन अपना कोई हैन सपना कोई हैन हँसी आती है न खुशी आती हैन नींद आती हैन जीने को करता

2

अनुभव2

11 मई 2022
1
0
0

अतीत के कुछ पन्ने देखे खोलकरभूल नही सकती जिन्हें मैं चाहकरमाँ का था प्यारपिता का था दुलारदादी का प्रेम भरा साथनानी का स्नेहमयी स्पर्श वाला हाथबुआ का बहुत सारा प्यारमासी का भी मुझे देखने के लिए करना इं

3

अनुभव3

11 मई 2022
0
0
0

मन मे डर हैघबराहट हैकोई नहीं यहां अपनाकाश कोई कह दे ये अब तक का जीवन था एक सपनाक्यों सब साथ छोड़ जाते हैंक्यों सब मुख मोड़ जाते हैंइतनी बुरी तो नही मैंकी कोई साथन रह सकेकी कोई मुझे अपनाएं कह सकेकितना भी

4

अनुभव4

11 मई 2022
0
0
0

जिस पर विश्वास कियाउसने छोड़ दियाउसकी इन हरकतों नेमुझे अंदर तक तोड़ दियाकोई नहीं था मेरा उसका सिवापर उसे जरूरी लगता है मुझसे भी ज्यादा पैसाअपना माना जिसे सहारामन उसी की हरकतों मे टूट कर हारादोस्तों के स

5

अनुभव5

11 मई 2022
1
0
0

खतों की दुनिया ही बेहतर थी,जहां बातें होती थी सिर्फ एक इंसान सेउसी का रहता था इंतज़ार,जहां बेवफाई नहीं थीसिर्फ एक ही से होता था प्यार,खतों की दुनिया ही बेहतर थी,जहां लोग रिश्ते निभाते थे,बिना कहे ही अप

6

अनुभव6

11 मई 2022
0
0
0

सोचा आज फिर कलम उठाकर लिखूं मन की बातें,लम्बे वक़्त से जो काटी हैं दर्द भरी रातें, सोचा आंसुओं को स्याही में बदल दूँ,अब एक नया रास्ता स्वयं ही चुन लूं,ज़िन्दगी में आते और जाते हैं मुसाफिर,कोई बनता

7

अनुभव7

11 मई 2022
0
0
0

दो दिलों का मेल है विवाह,सिर्फ़ तन का नहीं मन का भी मेल है विवाह,जीवन भर जहाँ एक दूजे के साथ हो निबाह,बस वही एक पवित्र बंधन है विवाह,चाहे परिवार की सम्मति से हो चाहे हो प्रेम विवाह,दोनों ही दशा में समझ

8

अनुभव8

11 मई 2022
0
0
0

बागों में कूकती है कोयल काली,चारों ओर छा जाती है जब हरियाली,रंग बिरंगे फूल भी लगते हैं बड़े सुहाने,अल्हड़ लड़कियाँ मेंहदी लगाकरलगती हैं सपने सजाने,मन मोह लेती है ठंडी ठंडी बयार,हर तरफ छा जाता है प्रकृति

9

अनुभव9

11 मई 2022
0
0
0

आज फिर आंखों में नमी सी है,आज फिर किसी अपने की कमी सी है,रोया है आज साथ में मेरे ये गगन भी,भीगी उसके आंसुओं से आज ये ज़मी भी है,आज फिर मेरी मुस्कान दर्द के भवँर में गुमी सी है,अब तो लगता है नैनो को हो

10

अनुभव10

11 मई 2022
2
1
0

अकेलापन किसी निश्चित उम्र में अनुभव नहीं होता,जब महसूस होता है तो अंदर तक है चुभोता,उम्र बढ़ने के साथ ही बढ़ता है ये अकेलापन,न चाहते हुए भी दर्द सेहता है ये मन,जब अकेलापन हद से बढ़ जाये,तब क्यों न प्रकृत

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए