खतों की दुनिया ही बेहतर थी,
जहां बातें होती थी सिर्फ एक इंसान से
उसी का रहता था इंतज़ार,
जहां बेवफाई नहीं थी
सिर्फ एक ही से होता था प्यार,
खतों की दुनिया ही बेहतर थी,
जहां लोग रिश्ते निभाते थे,
बिना कहे ही अपनों का
दर्द बांटने चले आते थे,
खतों की दुनिया ही बेहतर थी,
जहाँ नहीं होता था अकेलेपन का अहसास,
दूर होकर भी जब लोग होते थे पास,
खतों की दुनिया ही बेहतर थी,
जहां ज़ज़्बात थे सच्चाई थी थी वफादारी,
जब लोग समझते थे अपनी ज़िम्मेदारी।
-kajal