आज फिर आंखों में नमी सी है,
आज फिर किसी अपने की कमी सी है,
रोया है आज साथ में मेरे ये गगन भी,
भीगी उसके आंसुओं से आज ये ज़मी भी है,
आज फिर मेरी मुस्कान दर्द के भवँर में गुमी सी है,
अब तो लगता है नैनो को हो गया है आंसुओं से प्यार,
तभी तो अश्रु के साथ अब ज़िन्दगी रमी सी है,
हाँ आज फिर किसी अपने की कमी सी है।
-kajal