बागों में कूकती है कोयल काली,
चारों ओर छा जाती है जब हरियाली,
रंग बिरंगे फूल भी लगते हैं बड़े सुहाने,
अल्हड़ लड़कियाँ मेंहदी लगाकर
लगती हैं सपने सजाने,
मन मोह लेती है ठंडी ठंडी बयार,
हर तरफ छा जाता है प्रकृति में खुमार,
चारों ओर की हरियाली मन को है बहुत भाती,
प्रकृति से तब इंसान को मिलती सुकून और शांति।
-kajal