सोचा आज फिर कलम उठाकर लिखूं मन की बातें,
लम्बे वक़्त से जो काटी हैं दर्द भरी रातें,
सोचा आंसुओं को स्याही में बदल दूँ,
अब एक नया रास्ता स्वयं ही चुन लूं,
ज़िन्दगी में आते और जाते हैं मुसाफिर,
कोई बनता है दोस्त तो कोई बन जाता है काफ़िर,
जीवन में रह जाती हैं केवल यादें ही शेष,
जो होती हैं अनन्त और विशेष।