जिसने छेड़ा हर तरफ आंदोलन है |
जो दिल और दिमाग़ में छाया हर क्षण है |
कत्ल कर दिया जिसने इंसानियत का ,
वो कोई और नहीं आरक्षण है |
फिर भी हर किसी को आरक्षण की भूख लगी है |
जबकि ये आरक्षण ही कारण है, जो हर तरफ ठगी है |
पर अपना ही नुकसान हमें कहा दिखता है |
बेशर्म का चोला पहने इंसान को देखो, आपस में ही बिकता है |
जो ईमानदार था,उसने भी ले ली आज गलत शरण है |
इसका जिम्मेदार कोई और नहीं आरक्षण है |
अब किताबो में समय बिताना और रोजगार पाना ,
बहुत ही कठिन सफर है |
समय लगाले थोड़ा सा जो आंदोलन में ,
तो बड़े आराम से पा लिया करते हम रोजगार डगर है |
तभी तो आरक्षण और काबिलियत की जंग हो रही है |
जिसमे जीत रहा है आरक्षण और काबिलियत रो रही है |
फिर भी देखो काबिलियत का विश्वास नहीं डिगा है |
और ना ही काबिलियत यहाँ आरक्षित से खफा है |
क्योंकि इसका दोषी आरक्षण है, आरक्षित की नहीं कोई दग़ा है |
अतः सब इस बात को समझो और समझाओ,
कि जिसके लिए खड़े हो और लड़े हो,
उसके दफ़न से ही हमारे देश का रक्षण है |
क्योंकि आपस में जो बैर करा दे, वो कोई और नहीं आरक्षण है |