अरविन्द शुक्ल
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यादें
याद आते है आपको ? वो बचपन के दिन जब हमारा व्यक्तित्व हमारे मां बाप और हम बना रहे होते हैं । हम शब्द मैने इसलिये प्रयोग किया क्योकि मिट्टी के बरतन के निर्माण मे मिट्टी का भी अपना योगदान होता है । मुझे तो आजकल रह रहकर याद आते हैं । तो चलते हैं बचपन की
यादें
याद आते है आपको ? वो बचपन के दिन जब हमारा व्यक्तित्व हमारे मां बाप और हम बना रहे होते हैं । हम शब्द मैने इसलिये प्रयोग किया क्योकि मिट्टी के बरतन के निर्माण मे मिट्टी का भी अपना योगदान होता है । मुझे तो आजकल रह रहकर याद आते हैं । तो चलते हैं बचपन की
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