आजकल चर्चा है इसी बात पर की,
ज़माना असहिष्णु होता जा रहा है |
कोई वापस देता तमगा है,
तो कोई घर छोड़ जा रहा है ||
मै तो हूँ अचंभित,
सब को दिख रही अ सहिष्णुता ,
दुम दबा के मुझसे ही,
क्यों भगा जा रहा है ||
मैंने खोजा सब जगह,
खेत-खलिहान, बाग़-बगीचे |
अन्दर-बाहर, सड़क और नदी,
पर मुझे तो कही दिख ना रहा है ||
कही फटा बम,
तो कही हो रहा हमला |
लेकिन पता नहीं क्यों,
यह भारत में ही भगा जा रहा है ||
सभी से मेरा एक ही निवेदन है,
गर मिले असहिष्णुता का पता,
दया कर मुझको बताना,
यह कहा रह रहा है ||
@ ऋषभ शुक्ला
मेरे मन की...... - OnlineGatha-The Endless tale
आज कल चर्चा है इसी बात पर की,ज़माना असहिष्णु होता जा रहा है |कोई वापस देता तमगा है,तो कोई घर छोड़ जा रहा है ||मै तो हूँ अचंभित,सब को दिख रही असहिष्णुता,दुम दबा के मुझसे ही,क्यों भगा जा रहा है ||मैंने खोजा सब जगह,खेत-खलिहान, बाग़-बगीचे |अन्दर-बाहर, सड़क और नदी,पर मुझे तो कही दिख ना रहा है ||कही फटा बम,तो कही हो रहा हमला |लेकिन पता नहीं क्यों,यह भारत में ही भगा जा रहा है ||Publisher : OnlinegathaEdition : 1ISBN : 978-93-86163-45-5Number of Pages : 142Binding Type : Ebook , PaperbackPaper Type : Cream Paper(58 GSM)Language : HindiCategory : PoetryUploaded On : July 12,2016 Partners :ezebee.com , Ebay , Payhip , Smashwords , Flipkart , shopclues , Paytm , Kobo , scribd
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