जीवन जीते हैं लोग सदा केवल आशा के बल पर,
आशा इक आधारशिला है जो बढ़ती रहती पल-पल|
आशा ही प्यास बुझाती है मरू में चलते उस राही की,
ना दिखता कोई स्रोत मगर ताकत बनती है राही की|
आशा ही जीवन देती है आशा ही हमें रुलाती,
पथ पर चलने की ताकत यह जो पथ पर हमें बढाती|
आशा के बल पर ना जाने कितने ही लोग जिया करते,
आशा के मिटते ना जाने कितने ही लोग मरा करते|
आशा मन में लेकर प्यारे तुम उस अनंत का भेद करो,
जिसके ना मिलने पर भी तुम अगनित लक्ष्यों का भेद करो|
पछतावा मन में ना हो तुमको ना कभी किसी से हीन बनो,
खुश होकर तुम बढ़ते जाओ उच्चतम लक्ष्य को सदा चुनो |
आशा हो सदा 'हंस' जैसी जो चुगे स्वच्छ उज्जवल मोती,
हे जगती के प्यारे मानव खाओ सदा स्वयं की रोटी|
ना बनो कभी तुम अंधभक्त ना कभी कोई प्रतिकार करो,
भूतल पर बनो स्वाभिमानी तुम सदा सत्य स्वीकार करो|
आशा है मेरी वेदना को समझेंगे और गुनेंगे भी,
आशा के साथ जिएंगे भी आशा के साथ मरेंगे भी|||