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आशा

2 मई 2015

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जीवन जीते हैं लोग सदा केवल आशा के बल पर, आशा इक आधारशिला है जो बढ़ती रहती पल-पल| आशा ही प्यास बुझाती है मरू में चलते उस राही की, ना दिखता कोई स्रोत मगर ताकत बनती है राही की| आशा ही जीवन देती है आशा ही हमें रुलाती, पथ पर चलने की ताकत यह जो पथ पर हमें बढाती| आशा के बल पर ना जाने कितने ही लोग जिया करते, आशा के मिटते ना जाने कितने ही लोग मरा करते| आशा मन में लेकर प्यारे तुम उस अनंत का भेद करो, जिसके ना मिलने पर भी तुम अगनित लक्ष्यों का भेद करो| पछतावा मन में ना हो तुमको ना कभी किसी से हीन बनो, खुश होकर तुम बढ़ते जाओ उच्चतम लक्ष्य को सदा चुनो | आशा हो सदा 'हंस' जैसी जो चुगे स्वच्छ उज्जवल मोती, हे जगती के प्यारे मानव खाओ सदा स्वयं की रोटी| ना बनो कभी तुम अंधभक्त ना कभी कोई प्रतिकार करो, भूतल पर बनो स्वाभिमानी तुम सदा सत्य स्वीकार करो| आशा है मेरी वेदना को समझेंगे और गुनेंगे भी, आशा के साथ जिएंगे भी आशा के साथ मरेंगे भी|||

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