यूवा पति के शव के अंतिम दर्शन करने पर भी पत्नी की आंखों में एक आसूं तक नहीं छलका देख बाकि औरते भौचक्की सी रह गई और एक दूसरे के सामने उसको नाम धर उसकी अलोचना करने लगी। बातों-बातों में एक ने पत्नी से पूछ लिया तो उसका जवाब था।
"देख बहना, कहने को तो बहुत कुछ है! लेकिन सच्चाई तो यह है, इस घर को नशे से मुक्ती और हर रोज पीटने से मेरी देह को आराम मिल गया है। दूसरा इस सात साल की बच्ची. को स्कूल में दाखिला दिलवाने की मुझे आजादी मिल गई है।" और फिर वह बच्ची को अपनी छाती से चिपका फूट - फूट रोने लगी।