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बचपन

13 जनवरी 2016

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बचपन

वो बचपन कितना प्यारा था, कल्पनाओं का जीवन सारा था !

कंचो के खेल में धंधा कर लिया करते थें,
नहाने के बाद भी खुद को गंदा कर लिया करते थे!

जब गेंद बगल में जाती थी,
बगल वाली चाची मुँह फुलाती थी!
फ़िर भी हम जाकर अनुरोध करते थे,
चाहे वो जितना भी क्रोध करते थे!

आज न तो गेंद जाती है ना ही हम !
क्युंकि कौन करे अनुरोध, हम तो है परम !

खुशी देखनी है बच्चों की देखो, अवसाद देखना है खुद को देखो,
जब खुद में बच्चा देख पाओगे तो यही गीत गाओगे ,

वो बचपन कितना प्यारा था, कल्पनाओं का जीवन सारा था !

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13 जनवरी 2016
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मीडिया सुधरेगा ?

25 फरवरी 2016
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‪#‎ऐवई_थॉट‬यदि महाभारत और रामायण काल में मीडिया और सोशल मीडिया होते तो क्या होता:TRP के लिए डेली नए नए इवेंट मिलते, कभी कोई मरता तो बिग न्यूज़, कोई पैदा होता तो बिग न्यूज़.ट्वीटी बाबू RIP मचाते रहते, आज ये RIP तो कल वो RIP. कुछ सेल्फी साइको ‪#‎With_कुम्भकरण‬ से ही फ्री ना होते ६-६ महीनो तक.तुलसीदास जी

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