Pawan Kumar Sharma kavi kautilya
एक उभरता हुआ कवि हू । अपनी कविताओं को आप लोगो तक पहुंचना है मेरा मकसद है ।आपका नाम वैसे मालवा की धरती के झालावाड़ जिले के एक छोटे से ग्राम घाटोली से हूं। परंतु शुरू से घर से बाहर हो रहा हू । शैक्षणिक उपलब्धि डी. जी. एन.एम. नौकरी या पेशा नर्सिंग सुपरवाइजर साहित्य की किस विधा मे विशेष रचित वर्तमान परिस्थितियों पर लिखना विशेष विद्या है । अन्य उपलब्धि विभिन्न ऑनलाइन कविसम्मेलन में काव्यपाठ , सोशल मीडिया के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ा हूं जिसके माध्यम से अपनी कविताएं और रचनाएं लोगों तक पहुंचाता हूं।
आपकी दोस्ती
आपकी दोस्ती जो मिला प्यार आपसे उसका कर्जदार हू आपकी दोस्ती का शुक्रगुजार हू । अगर आपलोग ना आते जीवन में लिखना, गाना ,रूठना मनाना सब अधूरा रह जाता जिंदगी तो यूंही कट रही थी पर आप सभी के साथ आने से से खिल गया किस्मत का फूल अब महकेंगे
आपकी दोस्ती
आपकी दोस्ती जो मिला प्यार आपसे उसका कर्जदार हू आपकी दोस्ती का शुक्रगुजार हू । अगर आपलोग ना आते जीवन में लिखना, गाना ,रूठना मनाना सब अधूरा रह जाता जिंदगी तो यूंही कट रही थी पर आप सभी के साथ आने से से खिल गया किस्मत का फूल अब महकेंगे
सावन आया
सावन का महीना हर वर्ष सावन का पवित्र माह जब आता है मिलती है हर भक्त को मंजिल राह पाता है हर भक्त भोले नाथ की सेवा में लग जाता है शिवजी पर निरंतर जल प्रवाह किया जाता है बेलपत्र , धतूरा और भंग का अभिषेक होता है मेघो का झुंड उमड़ घूमंड कर
सावन आया
सावन का महीना हर वर्ष सावन का पवित्र माह जब आता है मिलती है हर भक्त को मंजिल राह पाता है हर भक्त भोले नाथ की सेवा में लग जाता है शिवजी पर निरंतर जल प्रवाह किया जाता है बेलपत्र , धतूरा और भंग का अभिषेक होता है मेघो का झुंड उमड़ घूमंड कर
बौना पिंकू
एक समय की बात है । एक गांव में पिंकू और उसका परिवार रहता था । पिंकू जब पैदा हुआ था तब ही थोड़े दिन बाद ही डॉक्टर ने उसके माता पिता को उसकी शारीरिक कमी के बारे में बता दिया था । कि आपके बच्चे की शारीरिक वृद्धि रुक जायेगी । और ऐसा ही हुआ उसकी उम्र बढ़
बौना पिंकू
एक समय की बात है । एक गांव में पिंकू और उसका परिवार रहता था । पिंकू जब पैदा हुआ था तब ही थोड़े दिन बाद ही डॉक्टर ने उसके माता पिता को उसकी शारीरिक कमी के बारे में बता दिया था । कि आपके बच्चे की शारीरिक वृद्धि रुक जायेगी । और ऐसा ही हुआ उसकी उम्र बढ़
हमारा तिरंगा प्यारा
हमारा तिरंगा प्यारा बचपन में जो बात नानी ने सिखाई तिरंगे की कहानी विस्तार से बताई रंग केसरिया प्रतीक वीरता और शौर्य का रंग सफेद बताता है शांति और सद्भाव का रंग हरा बताता है हरियाली और समृद्धि का चक्र बताता है एकता ,अंखंडता , सद्भाव का आसम
हमारा तिरंगा प्यारा
हमारा तिरंगा प्यारा बचपन में जो बात नानी ने सिखाई तिरंगे की कहानी विस्तार से बताई रंग केसरिया प्रतीक वीरता और शौर्य का रंग सफेद बताता है शांति और सद्भाव का रंग हरा बताता है हरियाली और समृद्धि का चक्र बताता है एकता ,अंखंडता , सद्भाव का आसम
स्वर्ग धरा पर लाऊंगा
स्वर्ग धरा पर लाऊंगा जात पात का भेद न हो , ऊंच नीच में फर्क न हो सभी करे प्रेम आपस में समाज में कोई द्वेष न हो ऐसा कुछ कर जाऊंगा स्वर्ग धरा पर लाऊंगा ऐसा ही कुछ कर जाऊंगा शिक्षा का हो घर घर उजियारा परिवार साथ रहे हमारा बुजुर्गो का
स्वर्ग धरा पर लाऊंगा
स्वर्ग धरा पर लाऊंगा जात पात का भेद न हो , ऊंच नीच में फर्क न हो सभी करे प्रेम आपस में समाज में कोई द्वेष न हो ऐसा कुछ कर जाऊंगा स्वर्ग धरा पर लाऊंगा ऐसा ही कुछ कर जाऊंगा शिक्षा का हो घर घर उजियारा परिवार साथ रहे हमारा बुजुर्गो का
वो प्यारा देश हमारा
वंदे मातरम गूंजे वसुधा पर घाटी से लेकर सागर तक पूर्वोत्तर से लेकर पश्चिम तक चारो ओर लहराए तिरंगा प्यारा तन मन धन जिस पर कुर्बान वो प्यारा हिंदुस्तान देश हमारा वो प्यारा हिंदुस्तान देश हमारा अंखंडता , संप्रभुता की पहचान सवर्धर्मो सर्वोवर
वो प्यारा देश हमारा
वंदे मातरम गूंजे वसुधा पर घाटी से लेकर सागर तक पूर्वोत्तर से लेकर पश्चिम तक चारो ओर लहराए तिरंगा प्यारा तन मन धन जिस पर कुर्बान वो प्यारा हिंदुस्तान देश हमारा वो प्यारा हिंदुस्तान देश हमारा अंखंडता , संप्रभुता की पहचान सवर्धर्मो सर्वोवर
शिव और शंकर
**शिव और शंकर में अंतर** शिव जी को "देवों के देव महादेव" कहा जाता है। उन्हें हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता माना जाता है जिनकी पूजा विभिन्न रूपों में की जाती है। उन्हें वैष्णव, शैव और शाक्त पंथों में भी माना जाता है। शिव जी का अर्थ होता है "शुद्ध
शिव और शंकर
**शिव और शंकर में अंतर** शिव जी को "देवों के देव महादेव" कहा जाता है। उन्हें हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता माना जाता है जिनकी पूजा विभिन्न रूपों में की जाती है। उन्हें वैष्णव, शैव और शाक्त पंथों में भी माना जाता है। शिव जी का अर्थ होता है "शुद्ध
प्रेरक बाल कथाएं
सुख और दुख एक गांव में एक ब्राह्मण रहता था । रोज मंदिर में भगवान की पूजा कर और आस पास के गांव में भिक्षावृत्ति कर अपना व परिवार जीवन यापन करता था । इतना ही कमा पाता जिससे जीवन का गुजारा हो जाए । उसकी पत्नी हमेशा उसे ताना देती रहती की तुम इतनी भगवान
प्रेरक बाल कथाएं
सुख और दुख एक गांव में एक ब्राह्मण रहता था । रोज मंदिर में भगवान की पूजा कर और आस पास के गांव में भिक्षावृत्ति कर अपना व परिवार जीवन यापन करता था । इतना ही कमा पाता जिससे जीवन का गुजारा हो जाए । उसकी पत्नी हमेशा उसे ताना देती रहती की तुम इतनी भगवान
जादुई चप्पल
जादुई चप्पल मंगल एक साधारण व्यक्ति था ।जंगल में लकड़ी काटकर और मजदूरी कर अपना जीवन यापन करता था । परंतु पूरे दिन चलते चलते उसके पैर छिल जाते और बहुत दर्द रहता । एक दिन उसे एक महात्मा मिले । उसने महात्मा की खूब सेवा की महात्मा बहुत प्रसन्न हुए उन्ह
जादुई चप्पल
जादुई चप्पल मंगल एक साधारण व्यक्ति था ।जंगल में लकड़ी काटकर और मजदूरी कर अपना जीवन यापन करता था । परंतु पूरे दिन चलते चलते उसके पैर छिल जाते और बहुत दर्द रहता । एक दिन उसे एक महात्मा मिले । उसने महात्मा की खूब सेवा की महात्मा बहुत प्रसन्न हुए उन्ह