बालकदिन
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इस नये पारिवारिक वातावरण मे ,आज के बालक अनेक समस्या का सामना कर के बडे होते है ।
अति-व्यस्त जीवनशैली " ने पारिवारिक जीवनक्रम का प्राधान्यक्रम बदल दिया है । इसी का परिणाम
बालक -पालक , दोनो के बीच स्नेह -सहवास पर हो गया है । इस बात पर घर के बडे लोगोने बहुत गंभीरता से सोचना आवश्यक है ।
बडे लोगो मे ,खास कर मम्मी - पापा के स्वभाव मे
संयम का अभाव " यह एक चिंताजनक बात है ।
घर मे जो बालक है उनके प्रति समंजस व्यवहार आरंभ करे तो "मनमुटाव" नही होंगे ।
बालक को समझाना " ठीक है । जरुरी है बालक की भावना को समझ लेना ।
यह कर के देखीये ..आप के घर का बालक मुसकुराने लगेगा ।
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