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दिवाली महोत्सव

27 अक्टूबर 2022

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आई आई दिवाली कहते कहते, दिवाली कब हो गई पता ही नही

चला।यह सब जादू है दिवाली का, इस मे जो आनंद आया, वह

क्यू आया ? । सोचो तो पता चलेगा, की दूर दूर जो चले गये ,ऐसे

अपने वो सब लोग, मानो घर तरफ खिंचे चले आये ।

आँखो के सामने वो सब चार दिन ही सही आये तो थे ।

नाना -नानी की आँखो मे खुशी के आंसू तो छलके । बस यही तो

आनंद था उनके लिए, निराशा मनसे दूर दूर थी, दिवाली मे ।

छोटे-,बडे मिले गले । मिठाई खाई मिलकर सबने ।

दिवाली मे इसी खुशी के दिये जले घर घर मे 

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-अरुण वि.देशपांडे-पुणे

9850177342


 



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