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बस यूँ ही

5 मार्च 2022

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बात- बात पर आँखों से अश्रु आ जाती हैं
मानती हूँ कि मैं दिल की कमजोर हूँ
किंतु बुरी भी नहीं हूँ||
दिल को कठोर रखना सीख रही हूँ
मानती हूँ कठोर रहना सीख जाऊँगी
किंतु अभी सीख नहीं पायी हूँ||
जब तक हृदय कोमल है
तब तक दुनिया के लिये प्रेम लिये घूम रही हूँ||
जिस दिन मैं सब से किनारे कर लूँ खुद को
किसी के प्रति प्रेम न रहे
किसी की बात का कोई परवाह न रहे
उस दिन समझ लेना मेरा हृदय कठोर हो गया
मैं पत्थर दिली हो गयी||

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भारती

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बहुत खूब लिखा है आपने

6 मार्च 2022

Shreya Chaturvedi

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6 मार्च 2022

Thanku😊

Ram Sewak gupta

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आज ह्रदय कोमल है कल कठोर होगा।सख्त निर्णय लेने की क्षमता आयेगी।इसी तरह जिंदगी सुगम होती जायेगी।। शुभ संध्या

6 मार्च 2022

Shreya Chaturvedi

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6 मार्च 2022

धन्यवाद

महावीर जोशी लेखाकार पुलासर

महावीर जोशी लेखाकार पुलासर

बहुत सुन्दर प्रयास

5 मार्च 2022

Shreya Chaturvedi

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5 मार्च 2022

Thanku

5 मार्च 2022

Shreya Chaturvedi

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5 मार्च 2022

Thanku

Dinesh Dubey

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Aap komal hi rahiye

5 मार्च 2022

Shreya Chaturvedi

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5 मार्च 2022

Ji bilkul😊

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