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बात- बात पर आँखों से अश्रु आ जाती हैंमानती हूँ कि मैं दिल की कमजोर हूँकिंतु बुरी भी नहीं हूँ||दिल को कठोर रखना सीख रही हूँमानती हूँ कठोर रहना सीख जाऊँगीकिंतु अभी सीख नहीं पायी हूँ||जब तक हृदय कोमल हैत
दूसरों को आईना दिखाने से पहलेख़ुद की आईना देखना ज्यादा बेहतर होता हैं||
न मैं बदली हूँन मेरा फितरत बदला है.... अगर कुछ बदला हैतो वो हैं वक़्त ||
जय माता रानी 🙏