“शांतचित्तता तो पारे की तरह है। आप इसे पाने की जितनी ज्यादा कोशिश करते हैं, यह उतनी ही मुश्किल से हाथ आती है।” ।। ओ३म् सुप्रभातम् ।।
निःशुल्क
..🌹🌻🌾 🌾🌻🌹 *हर किसी के अन्दर अपनी* *"ताकत"और अपनी"कमज़ोरी"* *होती है...* *"मछली"जंगल मे नही दौड*़ *सकती और"शेर"पानी मे राजा* *नही बन सकता.....!!* *इसलिए* *"अहमियत"* *सभी को देनी चाहि