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कविता-नारी का अस्तित्व। दुनियां में नारी सच्चा किरदार निभाए। खुशबू से भरपूर बसेरा गुलज़ार बनाए। अपनों के नाम करदे अपनी सब सांसे। ख़ामोश रहे उफ भी निकले न जुबां से। हंसता खेलता हुआ सा परिवार बनाए। दुन
कविता-सितारों की फसल नाकाम नहीं हैं बेटियां सितारों की फसल है। गुनगुनाते होठों पे हम संस्कारों की गजल है। घर एक हंसी से महक जाए बेटी तो कली हैं। हर अपने माता पिता की बेटी तो लाडली हैं। बुरी सोच हमेशा