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बुलावा

4 दिसम्बर 2021

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जब आएगा बुलावा जाना तो पड़ेगा।
इस तरह से जाओगे सोंचा भी नही था।।
लड़ने का हुनर सबसे ज्यादा तुम्हीं में था।
तुम लड़ ही न पाओगे सोंचा भी नही था।।
कहने को बहुत कुछ था आँखों में तुम्हारी।
कुछ कह के न जाओगे सोंचा भी नही था।।
अलफ़ाज़ खो गए थे आवाज गुम हुई है।
कुछ कह भी न पाओगे सोंचा भी नही था।।
मिलने की आरज़ू भी पूरी न हो सकी।।
मिलकर भी न जाओगे सोंचा भी नही था।।

कामेश नूर
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प्यार का गीत

27 नवम्बर 2021
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<div>कही सुनी हर बात भुला दो</div><div>एक प्यार का गीत सुना दो।।</div><div>जीवन अपना जर्द पड़ गया</di

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मित्र

27 नवम्बर 2021
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<div>मित्र के बिन ज़िंदगी में रंग होते हैं नहीं।</div><div>हर शख्स को मित्र की दरकार होंना चाहिये।।</

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कोई बात तो है।

4 दिसम्बर 2021
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<div>दिल धड़कता है कोई बात तो है।</div><div>आज बदले हुए कुछ हालात तो हैं।।</div><div>दिल पे क़ाबू नहीं

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बुलावा

4 दिसम्बर 2021
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<div>जब आएगा बुलावा जाना तो पड़ेगा।</div><div>इस तरह से जाओगे सोंचा भी नही था।।</div><div>लड़ने का हुन

5

अहसास

10 दिसम्बर 2021
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<div>अग़र वो दिल में मोहब्ब्त की आब ले आए।</div><div>हमारी आँख भी इक दिन चनाब ले आए।।</div><div>रहबरी

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मन

10 दिसम्बर 2021
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<div>तुम्हें कुछ सुनाने को जी चाहता है।</div><div>यूँ ही पास आने को जी चाहता है।।</div><div>आपसे मिल

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