मैं डॉक्टर कामेश गौतम वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट के पद पर मननीय उच्च न्यायालय में तैनात हूँ । लेखन में काफ़ी समय से जुड़ा हूँ। ग़जल नज़्म एवं कविता में लिखता रहता हूँ।
मेरी किताब में कविता एवं गज़लों का संग्रह होगा
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<div>तुम्हें कुछ सुनाने को जी चाहता है।</div><div>यूँ ही पास आने को जी चाहता है।।</div><div>आपसे मिल
<div>अग़र वो दिल में मोहब्ब्त की आब ले आए।</div><div>हमारी आँख भी इक दिन चनाब ले आए।।</div><div>रहबरी
<div>जब आएगा बुलावा जाना तो पड़ेगा।</div><div>इस तरह से जाओगे सोंचा भी नही था।।</div><div>लड़ने का हुन
<div>दिल धड़कता है कोई बात तो है।</div><div>आज बदले हुए कुछ हालात तो हैं।।</div><div>दिल पे क़ाबू नहीं
<div>मित्र के बिन ज़िंदगी में रंग होते हैं नहीं।</div><div>हर शख्स को मित्र की दरकार होंना चाहिये।।</
<div>कही सुनी हर बात भुला दो</div><div>एक प्यार का गीत सुना दो।।</div><div>जीवन अपना जर्द पड़ गया</di
<div>क्यूं न एक दूसरे को जिया जाए।</div><div>काम कुछ तो चलो किया जाए।।</div><div>मेरे हिस्से की तुम
<div>क्यों ना एक दूसरे को जिया जाए चलो काम कुछ तो किया जाए</div>