अब प्रेम और वर्षा दोनो एक ही शहर में घर को छोड़ पढ़ने के लिए आ चुके थे, आज के दिन ही लखनऊ उनका आना हुआ। प्रेम को राजू छोड़ने आया था प्रेम का सब सामान रूम में व्यवस्थित कराकर राजू शाम वाली ट्रेन से घर को निकल पड़ा और बही वर्षा को उसके पापा आए थे उसे व्यवस्थित तरह से रूम दिलाने ओ भी काम की ट्रेन से घर को निकल लिए। अब वर्षा प्रेम को कॉल लगाती है।
(फोन का रिंग बजता है....)
प्रेम (फोन उठाकर) - हैलो, कैसी हो वर्षा ?
वर्षा - मैं ठीक हूं, तुम बताओ? रूम व्यवस्थिति कर लिए ?
प्रेम - हां, राजू साथ आया था सब व्यवस्थिति कराकर घर चला गया। तुम बताओ खाना हुआ है तुम्हारा ?
वर्षा - नही अभी खाना नही हुआ है, सोच रही हूं बाहर जा कर खा लूं।
प्रेम - हां, बाहर खाना सही रहेगा। अब इतना थक जाने के बाद कोई क्या ही बनाएगा।
वर्षा - हम्म, अच्छा चलो हम कल बात करेंगे, मैं बाहर से कुछ का लूं उसके बाद सीना है फिर कल कॉलेज भी तो जाना है। अच्छा, गुड नाईट
प्रेम - गुड नाईट, कल मिलते हैं।
इसके बाद प्रेम मन ही मन मुस्कुराता है और सोने चल जाता है, अगली सुबह प्रेम हॉस्टल में खल - बली मचने की आवाज सुनता है। कोई दौड़ रहा है तो कोई चिल्ला रहा है तो कोई किसी को शांत करा रहा है , ये सब कॉलेज जाने के जल्दबाजी में सारे शोर हो रहे थे। प्रेम को डर होने का आभास होता है और पहले दिन जल्दी से नहाकर कॉलेज के लिए बिन खाए पिए निकल जाता है। आज उसका कॉलेज का पहला दिन था आज ओ खुश भी था और थोड़ा डरा भी, आखिर यहां के अध्यापक कैसे होंगे कही उसे मार न पड़ जाए, यही सोचते हुए प्रेम क्लास में एंटर करता है और एक बेंच पार जाकर बैठ जाता है। उसने कॉलेज में एडमिशन लेने में देरी कर दी सिलेबस आगे निकल चुका था, आज उसका पहले दिन का पहला क्लास था और पहली बेला डायरेक्टर सर की थी। डायरेक्टर सर जैसे ही क्लास में एंटर करते हैं सारे बच्चे खड़े और साठ में मैं भाई खड़ा हो जाता हुं फिर ओ बैठने को कहते हैं। फिर ओ नए चेहरे ढूंढते हैं कि आज कौन पहली बार आया है फिर उनकी नज़र मूझपर आकर रुकती है और ओ मुझसे पूछते हैं - इतना लेट क्यू हो गया आने में, फिर बोले मेहनत करनी होगी।
फिर उन्होंने बोर्ड पर कुछ सवाल समझाने के बाद पहला सवाल मुझसे ही पूछ लिया और मैंने तुरंत ही उसका जवाब दे दीया, हालांकि जो उन्होंने सवाल पूछा था ओ न्यूमेरिकल बेस्ड थ और मुझे न्यूमेरिकल सवाल में कोई दिक्कत नहीं होती, सभा लड़के आश्चर्य से मेरे फेस को देखने लगे ओर मेरी बड़ाई करें लगे डायरेक्टर सर भी खुश हुए और उन्होंने मेरी सीट चेंज कर दी और बोले आज से तुम इस लड़के के पास बैठो ये पढ़ने में तेज है तुम्हारी मदद करेगा।
आ के क्लास कुछ ऐसा बिता, अब मुझे चिंता सताने लगी की कब छुट्टी होती ओर मैं वर्षा से बात करके उसका हाल जानता की कैसा गया उसका आज का दिन? ओर यही सोचते कॉलेज की छुट्टी हुई और मैं रूम पर जाकर कपड़ा भी नही निकाला और फोन उठाकर देखता हूं तो वर्षा ने मुझे लगभग 10 मिस्ड कॉल किए थे, मैने तुरंत उसे कॉल बैक किया उसने फोन नही उठाया। मै अब चिंता में आखिर हुआ क्या ? फिर मैने उसे कॉल किया इस बार उसने कॉल रिसीव लिया और बोली - कहां थे? इतनी देर से कब से कॉल कर रही हूं ?
प्रेम - क्या करता, कॉलेज की अभी छुट्टी हुई और आते ही तुम्हे फोन कर रहा हूं ? और बताओ कैसा रहा तुम्हारा आज का दिन ?
वर्षा - कॉलेज तो बहुत अच्छा है, और मेरी छुट्टी दोपहर 2 बजे हो जा रही है कॉलेज के टीचर भू अछा पढ़ा रहे हैं। अच्छा ये बताओ हम कब मिल मिल रहे हैं ?
प्रेम - अभी, मै रूम से निकल गया हूं। तुम्हारे पास ही आ रहा हूं, अब मैं तुमसे पल भी दूर नही रहना चाहता हूं। तुम जल्दी से पास वाले पार्क में मिलो।
वर्षा - इतनी जल्दी क्या थी, अच्छा ठीक है मैं आति हूं।
प्रेत वहा पहुंचकर वर्षा को काल करके अपनी पास बुलाता है और अब दोनो एक पास बैठकर एक दूसरे को देखे जा रहे थे, मानो कई सालों से न मिले हो।
फिर प्रेम कहता है - कुछ खाओगी?
वर्षा - नही, तुम बस मेरे पास बैठे रहो कही मात जाओ।
प्रेम - मैं कही नही जाऊंगा, तुम्हारे सामने ही तो हूं मैं कुछ लेके आता हूं मेरे हाथ से खा लेना।
वर्षा - अच्छा ठीक है, पर जल्दी लेकर आओ।
प्रेम वही पास की दुकान से एग रोल बनवा कर लाता है एक अपने लिए और एक वर्षा के लिए। एक एग रोल को पास में रख दूसरे को अपने हाथो से वर्षा को खिलाता है, वर्षा एल निवाला लीन के बाद दूसरा निगला प्रेम को अब अपने हाथों से खिलाती हैं फिर दोनों ऐसे करते हुए एग रोक खत्म कार दिया और अब ओ टहल कर पार्क घूमने लगे और प्रेम वर्षा का हाथ पकड़ ढेर सारी बातें करता है ओर वर्षा भी उसका साथ देती हैं, अब अंधेरा होने को था और वर्षा का हॉस्टल बंद होने से पहले उसे जाना होगा।
वर्षा - अब मुझे जाना होगा, नही तो हॉस्टल बंद हो जायेगा।
प्रेम - अच्छा ठीक है चलो।
वर्षा - मैं थल गई हूं मुझसे अब चल नही जाता।
प्रेम उसके पीठ पर उठ कर उसे लेकर निकल पड़ता है रोड की तरफ़ जहां उसे ऑटो मिले और प्रेमी वर्षा को छोड़ने के बाद अपने हॉस्टल जा सके, रोड पर ऑटो मिलती है दोनों बैठ जाते है और वर्षा अपना सर प्रेम के कंधे पर रखकर सो जाती है कुछ डर जानें के बाद वर्षा प्रेम को प्यार भारी नजरों से देखती है ओर प्रेत उसको बालों को उसके चेहरे से हटा उसकी खूबसूरती को निखेरता हैं ओर वर्षा के माथे पर किस करता है। अब वर्षा का हॉस्टल आ चुका था वहां वर्षा को छोड़कर प्रेम अपने हॉस्टल की तरफ़ निकल जाता है, वर्षा अपने रूम में जाकर सो जाती है, अब प्रेम अपने हॉस्टल पहुंचता है और अपना होमवर्क कर ए भी जनाब सो जाते हैं ।
अगली सुबह मै उठा और वर्षा को फोन लगाया।
वर्षा (फोन उठाकर) - हां,
प्रेम - और मैडम उठ गई।
वर्षा - हां कालेज जो जाना है, तुम तैयार हुए।
प्रेम - हां, तैयार ही हो रहा हूं।
वर्षा - चलो मिलते हैं शाम को, टेक केयर।
प्रेम - हम्म्म।
प्रेम तैयार होकर कॉलेज पहुंचता है, आज क्लास में एक अलग ही रौनक थी आज क्लॉस में सभी लडके मुझसे बात कर रहे थे ओर तारीफ़ किए का रहे थे, सभा का यहीं कहना था कि तुम हमारे पास बैठो। मैने कहा - अच्छा ठीक है, हुं तो क्लास में ही न।
अब टीचर पढ़ाना स्टार्ट कर दिए सभी लड़के मन से सर के बताए गए सवालों को सॉल्व कर रहे थे, तभी एक जींस ओर टॉप पहनी माथे पर कुमकुम लगा, अधरो पर हल्की लकी लगी हुई, आंखें मानो समंदर को बसा रखा हो और जुल्फे काले घने बादल से कम नही, चेहरे पर एक अच्छी सी स्माइल लिऐ सर से अंदर आने के लिए परमिशन लेती और तभी सबकी नज़र उस लडकी पर पड़ती है और लडको के मुंह से 'वाव!' इस बात पर टीचर सबको शांत होने को कहते है और उस लड़की को अन्दर आने के लिए कहते हैं।
अब टीचर सबको पढ़ाने में लाग जाते हैं, फिर ओ लड़की जो अभी आया है खड़ी होकर।
लड़की - सर मुझे ये समझ में नही आ रहा है।
सर - मै समझ सकता हूं तुम्हारा आज पहला दिन है, वैसे तुम्हारा नाम क्या है?
लडकी - जी सर, मेटा नाम निधि है।
सर - तो बेटा निधि आप ऐसा करिए कल से आप प्रेम के पास बैठ जाया करिए, प्रेम आपकी मदद कार देता है।
और सर फिर मुझसे पूछते है - क्यूं प्रेम मदद कार दोगे एन निधि का ?
प्रेम - श्योर सर।
निधी मुझे देखकर स्माइल करती है और लड़के मुझे देखकर लालच भरी नजरों से देखते और आंखों सी इशारा करते हैं की कल से मैं भी तुम्हारे पास बैठूंगा।
मै उन्हें हां करता और बात खत्म कर दीया।
अब आज की छुट्टी हो जाती हैं और सभी बच्चे घर जाने लगते हैं तभी निधि मेरे पास आकार कहती हैं।
निधि - अपना मोबाइल नम्बर देना?
प्रेम - क्यूं? ( तभी मेरे दोस्त 'दे दे भाई ' )
निधि - अरे डरो नही, मुझे कुछ डाउट हुआ तो पूछ सकती हूं तुमसे।
प्रेम - डरने की बात नही है, अछा अपना फोन दो।
निधि अपना फोन देती हैं और मै अपना नंबर उसके में डायल करके दे डेटा हुं।
फिर ओ प्रेम लिखकर आगे हार्ट का इमोगी लगाकर सेव कर लेती है, मुझे दाल में कुछ कला लगने लगता है अब मुझे निधि से बचके रहना होगा और मै वहा से निकलता हूं अपने तुम के लिए, रूम पर पहुंचकर वर्षा को कॉल करता हूं।
वर्षा (फोन उठाकर) - हेलो प्रेम, हम कल मिले।
प्रेम - क्यूं? एक क्यूं नही?
वर्षा - कल संडे हैं, हमारे पास पूरा वक्त होगा। कल हम दोनो कही रूम लेकर एक दूसरे के साथ वक्त बिताएंगे, जहां हम और सिर्फ तुम हो।
प्रेम - ओके, फिर कल मिलते हैं ।