चार लड़कियों की कहानी !
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इस कहानी के सारे राइट्स मेरे पास सुरक्षित हैं इसलिए इसे कॉपी करने की कोशिश ना करें, नाही किसी पात्र घटना,संवाद या दृश्य को तोड़ मरोड़ कर अपनी तरह से लिखने की कोशिश करें क्यूंकि वैसा करने से वो आपका नह
दूसरी ओरएक गर्ल्स हॉस्टलदिल्लीएक लड़की फ़ोन पर किसी से बात कर रही थी , और साथ ही साथ कपड़े भी समेट रही थी ।लड़की - हां मां हम अच्छे से पहुंच गए हैं , और हमने अपना सामान भी जमा लिया है ।दूसरी तरफ से आव
सुबह का समय पंछी का घर दिल्ली पंछी की मां किचन में खाना बना रही थी और मीरा सोफे पर बैठ कर कुछ सब्जियां काट रही थी । और पं
बस स्टैंड दिल्ली सोना खड़ी होकर बस का इंतज़ार कर रही थी । तभी बस आकर रूकी तो सोना अंदर चली गई । उसी बस में पंछी भी बैठी हुई थी । वो बैठी थी और साथ में एक औरत भी बैठी थी । सोना को कहीं जगह नहीं दिखी तो