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द कॉलेज गर्ल्स ( अध्याय 1 )... मिलिए पंछी से !

1 अगस्त 2023

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इस कहानी के सारे राइट्स मेरे पास सुरक्षित हैं इसलिए इसे कॉपी करने की कोशिश ना करें, नाही किसी पात्र घटना,संवाद या दृश्य को तोड़ मरोड़ कर अपनी तरह से लिखने की कोशिश करें क्यूंकि वैसा करने से वो आपका नहीं हो जाएगा ।

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ये कहानी है दिलवालों का शहर कहीं जाने वाली दिल्ली से जहां है एनडी कॉलेज( काल्पनिक ) जो देश के नंबर टॉप कॉलेजेस में से एक है, देश भर से तो नहीं पर आस पास के सारे राज्यों से स्टूडेंट्स यहां पढ़ने आते हैं , यहां से मिली हुई डिग्री की अलग ही बात है अगर आपके पास यहां की ग्रेजुएट डिग्री है तो आपको किसी भी बड़ी यूनिवर्सिटी में आराम से एडमिशन मिल जाएगा ।सारे स्टूडेंट्स यहां कोई ना कोई सपना लेकर आते हैं, पर ये कॉलेज अपनी रैगिंग के लिए भी जाना जाता है । फर्स्ट ईयर में आए नए नए स्टूडेंट्स की जमकर रैगिंग ली जाती थी और स्टूडेंट्स इससे खासा परेशान रहते थे, और इसी रैगिंग के बारे में सोच सोच कर वो अपना ख़ून जलाते रहते थे ।और इस वक़्त भी कोई था जो इसके बारे में सोच कर अपना ख़ून जला रहा था,वो थी एक लड़की जिसने अपने साथ साथ अपनी बहन का भी दिमाग ख़राब कर रखा था ।
पंछी - दी बताओ ना आपका कॉलेज  का पहला दिन कैसा था ?

मीरा - ठीक है पहले तू आराम से बैठ जा ।

मीरा ने पंछी से कहा जो एक्साइटमेंट में बेड पर खड़ी हो गई थी ।

पंछी बैठते हुए - हां दी जल्दी बताओ ।

मीरा - उतना कुछ एडवेंचर्स नहीं था मेरा कॉलेज का पहला दिन , मेरे साथ तो रैगिंग भी नहीं हुई थी क्योंकि निषाद(मीरा का पति ) ने सबको मना कर दिया था । इसलिए किसी ने मेरी तरफ़ देखा ही नहीं पर......

पंछी - पर क्या दी ?

मीरा - पर निषाद ने मुझे बहुत परेशान किया था ।

पंछी मीरा को छेड़ते हुए - बताओ ना दी जीजू ने क्या किया था ?

मीरा - बताती हूं बताती हूं सब्र रख ।
          इतना कहकर वह याद करने लगी।

कुछ साल पहले
एनडी कॉलेज
दिल्ली

मीरा ने इधर उधर देखते हुए कॉलेज में आ रही थी । उसने 
ग्रीन कलर का सलवार सूट पहन रखा था ।
वो थोड़ा सा और आगे गई तो देखा कि सीनियर्स का एक झुंड बैठा हुआ था उसमें दो लड़कियां और चार लड़के थे । वो सबको रोक कर उनका नाम पूछ रहे थे और उनसे अजीबो गरीब हरकतें करवा रहे थे ।

किसी किसी को एक टांग पर खड़े होकर योगा करवा रहे थे तो किसी को कैटरीना कैफ़ जैसा पोज मारने के लिए कह रहे थे । मीरा ये सब देख कर थोड़ा डर गई थी ।

तभी उसी ग्रुप के एक लड़के की नज़र मीरा पर पड़ी वो कुछ देर उसे देखता रहा और फिर अपने साथ वाले दोस्तों से कुछ कहा ।

तभी उसी ग्रुप की एक लड़की ने उसे आवाज़ दी - हे फ्रेशर इधर आओ ।

मीरा घबराते घबराते वहां गई ।
उस लड़के ने कहा - नाम क्या है ।

मीरा - जी मीरा , मीरा चौहान ।

लड़का - मीरा नाइस नेम , अपनी हॉबीज बताओ ।

मीरा - जी मेरी हॉबीज हैं गाना गाना और किताबें पढ़ना ।

लड़का - ठीक है तो एक गाना सुनाओ ।

मीरा कुछ गाने के लिए मुंह खोलती ही है कि
वो लड़का बोलता है - तुम्हें गाना तो सुनाना है पर कुछ ऐसा सुनाओ जो मेरे चेहरे को देखकर तुम्हें याद आता है ।

मीरा ने हैरानी से उसकी तरफ़ देखा ।

लड़का - अरे घूरने नहीं बोला मैंने गाना सुनाओ ।

एक दूसरे लड़के ने कहा - अरे ज्यादा मत सोचो वो वाला गाना गा दो ना
          भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना

पहले वाले लड़के ने उसे घूर कर देखा तो वो कहने लगा -  मैं तो मज़ाक कर रहा था और दांत दिखाने लगा ।

मीरा ने उस पहले वाले लड़के के चेहरे को देखा तो पाया कि लंबी हाईट , गेहुआं रंग , थोड़े कर्ली बाल जो माथे पर बिखरे हुए थे और हवा चलने पर उड़ रहे थे, भूरी आंखे , लंबी नाक। ऑल ओवर कहा जा सकता था कि लड़का हैंडसम था ।

मीरा ने बहुत सोचा पर उसे कोई गाना याद नहीं आया तो उसे समझ नहीं आया तो वो बोली - क्या मैं आप को कल नहीं सुना सकती गाना  ।

लड़का - सुना तो सकती हो , पर  मुझे अभी सुनने का मन था पर कोई बात नहीं , तुम जा सकती हो ?

मीरा - थैंक यू सर ।

और इतना कहकर वो जाने लगती है
                    
लड़की - तुमने तो हम लोगों से हमारा नाम पूछा ही नहीं पर मैं बता देती हूं,,  मैं रिया , उसने अपने साथ खड़े लड़के की तरफ़ इशारा किया और कहा ये आहान , उसने दूसरी लड़की की तरफ़ इशारा किया और कहा ये मिष्टी है और, उसके दाएं तरफ़ वाले लड़के की तरफ़ इशारा किया और कहा ये समीर है , वो हर्ष है और लास्ट में उसने पहले वाले लड़के का इंट्रोडक्शन देने ही वाली थी कि

वो लड़का आगे आया और बोला - निषाद , निषाद राठौड़ नाम है मेरा । वेलकम टू आओर कॉलेज ।

मीरा - थैंक यू सर ।

रिया - कौन से फैकेल्टी से हो ?

मीरा - जी कॉमर्स से ।

मिष्टी - हम भी उसी से हैं , और निषाद हमारे फैकेल्टी का टॉपर है ।

मीरा ने निषाद की तरफ़ देखा तो वह मुस्कुराने लगा ।

ऐसी और भी बातें हुई और क्लास की बेल बज गई क्लास खत्म होने के बाद मीरा ने उन लोगों से थोड़ी बातें की और घर आ गई ।

दूसरे दिन जब मीरा कॉलेज पहुंची तो , उन लोगों ने फिर उसे घेर लिया।

निषाद - तो गाना तैयार है , तुम्हारा ।

मीरा ने सिर झुकाकर कहा- सॉरी सर , मुझे कोई गाना नहीं मिला ।

निषाद - फिर तो तुम्हें पनिशमेंट मिलेगी ।

मीरा - क्या है सर मेरी पनिशमेंट ।

निषाद -तुम्हारी पनिशमेंट यह है कि तुम्हें रोज़ आकर मुझे एक गाना सुनाना पड़ेगा  ।

मीरा - पर.......

निषाद - पर वर कुछ नहीं अब पनिशमेंट मिली है तो उसे झेलना तो पड़ेगा ही ना  ।

मीरा ने उसे बेचारगी से देखते हुए हां में सिर हिलाया । फिर तो ये रोज़ का ही रूटीन बन गया, मीरा रोज़ आकर निषाद को गाना सुनाती और निषाद मुस्कुराते हुए उसके गाने सुनता था ।
और आलम तो ये था कि जिस दिन कॉलेज की छुट्टी होती थी या मीरा कॉलेज नहीं आती थी तो निषाद खुद उससे मिलने आ टपकता था ।

वर्तमान समय

  पंछी ने अपने गाल पर हाथ रख कर कहा - ओ दी कितने क्यूट हैं जीजू काश मुझे भी कोई ऐसा मिल जाए और दी आपको सच में कोई गाना याद नहीं था क्या ।    आप वो वाला गा देते वरुण और सिद्धार्थ वाला क्या था गाना हां
    ओ मुंडा कुक्कड़ कमाल दा               

इतना कहकर वो भांगड़ा करने लगी ।

मीरा ने उसे समझाते हुए कहा - ओ हो उस टाइम पे यह गाना नहीं आया था और क्या कहा तुझे भी कोई मिल जाए तो अच्छा है, याद नहीं बुआ जी ने क्या कहा था ?

पंछी ने अजीब सा मुंह बना कर कहा - सब याद है दी,पर सपने तो देख ही सकती हूं मैं भी और दी कितने सारे गाने है आपको सच में कुछ भी याद नहीं आया था या जानबूझकर जीजू की पनिशमेंट .. कहते कहते उसकी आंखों में एक शैतानी चमक उभर आई ।

मीरा ने उसके सिर पर चपत लगा कर कहा - कुछ भी बोलती है , और गाने तो हैं  पर मुझे उस टाइम पर याद नहीं आया तो इसमें मेरी क्या गलती।

पंछी - ओह मेरी भोली दी, और दी आप तो जीजू की वज़ह से बच गई थी पर मैं..…..

मीरा - इतना मत सोच जो होगा अच्छा ही होगा, और अभी चुप चाप से सो जा वरना कल लेट हो जाएगी।

पंछी - ठीक है, गुड नाईट दी ।

मीरा - गुड नाईट ।

इतना कहकर वो अपने रूम की तरफ़ जाने को हुई तभी उसे कुछ याद आया और वो मीरा के पेट के पास गई  और कहा - गुड नाईट छोटू अब जल्दी से आप बाहर आ जाओ
फिर हम दोनों खूब मस्ती करेंगे ।

इतना कहकर वो अपने रूम में जाकर सोचने लगी कैसा होगा मेरा कॉलेज का पहला दिन , मूवीज टाईप वाली रैगिंग हुई तो

उसके अंतर्मन से आवाज़ आई - तो और क्या दिखा देना अपने 3,4 कराटे स्टेप्स ।

पंछी - 3,4 कहा आते हैं दो ही आतें हैं और वो भी बड़ी मेहनत के बाद सीखे हैं ।

अंतर्मन - शब्दों पे क्यों जा रही है , भावनाओं पर जाओ ।

पंछी - हां हां समझ गई, पर अगर सीनियर्स ने पूछा कि मेरी हॉबी क्या है , तो मैं क्या बताऊंगी ।

अंतर्मन - गाना गाना और क्या ।

पंछी - देखो तुम मुझे उल्टे सीधे आइडिया मत दो क्योंकि तुम्हें तो पता ही है कि मेरी आवाज़ कैसी है और ये सब करने के बाद मेरे साथ तुम्हारी भी बेज्जती हो जाएगी ।

अंतर्मन - ठीक है तो डांस करना बता देना और वो बेइज़्ज़ती  होता है , बेज्जती नहीं ।

पंछी - बेज्जती बोलने में जो स्वैग है वो बेइज़्ज़ती बोलने में कहां और तुम ना सच में पागल हो गई हो , मुझे तो सिर्फ नागिन डांस आता है और वो अगर मैंने उन सबके सामने कर दिया तो मेरा कचरा नहीं हो जाएगा ?

अंतर्मन - फिर , स्केचिंग या ड्राइंग बता देना ।

इतना सुनते ही पंछी जोर से चिल्लाई - तुम ना सच में पागल हो चुकी हो, यहां मुझे एक छोटा सा एप्पल बनाते हुए भी मौत आती है और तुम हो कि ......

अंतर्मन - मतलब अब सिर्फ एक लास्ट ऑप्शन बचा है , तू न अपनी हॉबी कुकिंग बता देना ।

पंछी - कुकिंग क्यों ?

अंतर्मन - अब वो लोग तो वहां गैस, कढ़ाई, कड़छी वगैरह लेकर तो बैठे नहीं होंगे कि वो तुम्हारी कुकिंग टेस्ट करें ।

पंछी खुशी के मारे उछल पड़ी - ओह माय गॉड, ये आइडिया तुम्हें पहले क्यों नहीं आया, ये तो बेस्ट है ।

अंतर्मन - है तो पर तुझे तो कुकिंग का सी भी नहीं आता है ।

पंछी - ये बात तुम्हें पता है, मुझे पता है मेरे घरवालों को भी पता है पर उन लोगों को थोड़ी ना पता होगा ।

अंतर्मन - पर .......,

तभी उसके कमरे के पास से पंछी की मां गुज़री ।

पंछी की मां - अगर तुम्हारा खुद से बात करना हो गया हो तो सो जाओ ।

पंछी - जी मां ।

अंतर्मन - पर मैं क्या कह रही थी कि ....

पंछी - मुझे अभी बहुत नींद आ रही है, कल सुबह बात करते हैं और तुम भी सो जाओ ।

बोलकर सो गई ।

ये थी पंछी , चौहान परिवार की छोटी बेटी । बहुत ज़्यादा शरारती है और हंसमुख स्वभाव की है पर मस्ती सिर्फ उनके साथ करती है जिनको वो जानती है और जिनसे वो फ्रैंक हो । अपने पापा के सामने आकर थोड़ा चुप हो जाती है क्योंकि उसे अपने पापा से थोड़ा डर लगता है । ज्यादा नहीं थोड़ा ही । पंछी बहुत शरारती है पर सारे पड़ोसी उसे बहुत शांत समझते हैं और ड्रामें करने में तो इसने पीएचडी ही कर रखी है ।

दिखने में सामान्य , कद भी सामान्य था, और वो थोड़ी पतली थी , थोड़ी सी ही थी । हमेशा उसके दिमाग में कुछ न कुछ खुराफात चलती रहती थी ।
   पढ़ाई में भी अच्छी है । एक तरफ़ से देखा जाए तो वह टॉपर थी सेकेंड या थर्ड रैंक में आती थी हमेशा ।
            
      अब बात करते हैं मीरा की पंछी जितनी शरारती है मीरा उतनी ही शांत । दिखने में सुंदर थी । वो सिर्फ पंछी से ही अपनी सारी बातें शेयर करती है । उसकी शादी हो चुकी है और उसके पति का नाम निषाद है । दोनों कॉलेज में मिले थे और फिर बाद में उन दोनों ने शादी कर ली । मीरा निषाद के ही ऑफिस में काम करती थी पर कुछ महीनों से अपनी प्रेग्नेंसी की वजह से वो अपने घर पर ही है ।

मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत सुंदर लिखा है आपने 👌🙏

8 अगस्त 2023

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