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दर्शन सम्बन्धी प्रयासों और साहित्य के लिंक

30 जनवरी 2015

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अब तक जितनी भी कवितायेँ और लेख यहाँ प्रकाशित हैं सभी हमारी पहले के अलग अलग पेजों से लिए गए हैं .यहां पर मैं अपने सभी लिंक्स दे रहा हूँ जो शायद आपके लिए भी उपयोगी रहें : Society for Positive Philosophy and Interdisciplinary Studies (SPPIS) Haryana http://sppish.blogspot.in Philosophy News in India: http://newsphilosophy.wordpress.com/ · The Positive Philosophy: http://niyamakphilosophy.blogspot.com/ · Indian Psychology: http://niyamakpsychology.blogspot.com/ · Interdisciplinary Studies : http://niyamakreference.blogspot.com/ · A Class-Room Introduction to Logic: http://niyamaklogic.wordpress.com/ · Philosophical Mind Studies:: http://niyamak.wordpress.com/ · Philosophy Library: http://niyamaklibrary.blogspot.com/ · Index of Philosophers and Scholars in India: http://indexofphilosophersandscholarsofindia.blogspot.com/ Online Sessions of SPPIS Haryana: First Session of SPPIS Haryana http://sppish1session.wordpress.com/ Second Session of SPPIS Haryana http://sppish2session.wordpress.com/ Milestone Education Society (Regd.)Pehowa (Kurukshetra) http://milestone02.webs.com Milestone’s Literature: http://milestone02.wordpress.com/ Milestone’s Inspirations: http://msesedu.wordpress.com/ The Philosophy of Liberation: http://msesaim.wordpress.com/ Facebook Group: https://www.facebook.com/groups/214914558561755/ Milestone Education Review http://milestonereview.webs.com Special Issue on Swami Vivekananda http://mses150vivekananda.wordpress.com/ Centre for Positive Philosophy and Interdisciplinary Studies (CPPIS) http://positivephilosophy.webs.com Shabdanjali: Our Publicaitons http://cppispublications.wordpress.com Lokayata: Journal of Positive Philosophy http://lokayatajournal.webs.com CPPIS Youtube Channel: https://www.youtube.com/user/cppismedia Facebook Group: https://www.facebook.com/groups/positivephilosophy/ Department of Philosophy, P.G.Govt. College for Girls, Sector-11, Chandigarh http://philgcg11chd.webs.com/ Elements of Philosophy: http://philgcg11chd.wordpress.com/ Facebook Group: https://www.facebook.com/groups/philgcg11/ Academic & Social Profiles: Philpapers: http://philpapers.org/profile/5282 Scribd: http://www.scribd.com/dsirswal Academia.edu: http://puchd.academia.edu/DeshRajSirswal Facebook: http://www.facebook.com/dr.sirswal Twitter: https://twitter.com/drsirswal Speaking Tree: http://www.speakingtree.in/public/deshrajsirswal Causes: http://www.causes.com/drsirswal/ Interests: सकारात्मक दर्शन (शब्दनगरी) : http://shabdanagari.in/Website/Index/drsirswal The Determiner: A Magazine of Positive Ideas : http://niyamak.blogspot.in Instagram: http://instagram.com/drsirswal/ Keep Smiling Always: http://niyamakpicture.blogspot.in/ Youtube: https://www.youtube.com/channel/UCu3SVWpM7xqApNW223jNZcQ Rashmi Ke Nam Kuchh Khat: http://niyamakpoetry.blogspot.in Main Tumhare Nam Likhta Hu: http://poodrs.wordpress.com/ Online Books, Journals & Literature Download: http://issuu.com/lokayata http://issuu.com/milestonereview http://www.amazon.com/s?ie=UTF8&page=1&rh=n%3A133140011%2Cp_27%3ADESH%20RAJ%20SIRSWAL https://openlibrary.org/people/cppiskkr Last updated: 30th January, 2015

डॉ. देशराज सिरसवाल की अन्य किताबें

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दर्शन, सृजनात्मकता और मानवीय सम्बन्ध

29 जनवरी 2015
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मानवीय-सम्बन्ध सदियों से दर्शन और साहित्य के अध्ययन का मुख्य विषय रहा है. जब भी हम मानवीय सम्बन्धों के विवेचन पर जाते है तब हम इनकी प्रकृति, व्यक्तिगत और सामाजिक सम्बन्धों की प्रमाणिकता के सम्बन्ध में बात करते हैं और हम केवल दार्शनिक विचारों तक ही सीमित नहीं रहते बल्कि हमें मनोविज्ञानिकों, समाजशास

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दर्शनशास्त्र की वर्तमान शिक्षा में उपयोगिता

29 जनवरी 2015
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दर्शनशास्त्र को 'मानविकी ' संकाए के अंतर्गत सम्मिलित किया जाता है। मानविकी बड़ा ही सुगम्य शब्द है , जिसकी परिभाषा एवम अर्थ-विस्तार की रेखाएं उतनी सुनिश्चित, सुनिर्धारित नहीं हैं, न ही इसके क्षेत्र की व्यापकता के विषय में सर्वत्र सहमती है। एक सामान्य और प्रचलित परिभाषा के अनुसार, "मानविकी " के अंतर

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भारत में नारी समस्याएं एवम सह -शिक्षा

29 जनवरी 2015
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भारत जैसे देश में जहाँ नारी को देवी जैसा पद दिया गया हैं, वहाँ पर नारी का बहुत सी समस्याओं से गुजरना इसके सांस्कृतिक मूल्यों और यथार्थ के बीच के अंतर को स्पष्ट करता है। आज के परिवेश में जहाँ पर नारी और गरीब लोगों की सामाजिक सुरक्षा दाव पे लगी है और वहाँ के तथाकथित नेता अपने घोटालों और सुखभोग में

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गांधीवाद और मजदूर -वर्ग

29 जनवरी 2015
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अंतर राष्ट्रीय मजदूर दिवस हर वर्ष मनाया जाता है इसे मई दिवस के नाम से भी पुकारा जाता है . 8 0 के करीब देशों में आज राष्ट्रीय अवकाश होता है। आज का दिन मजदूरों के संघर्ष को याद करने का दिन है और एक प्रेरणा स्त्रोत भी है. भारत जैसे देश के सम्बन्ध में ये कितना मायने रखता है इस पर भी विचार करना जरूरी

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समाज में मूल्यों एवं मानवाधिकार शिक्षा की उपयोगिता

29 जनवरी 2015
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भारतीय समाज अपनी विभिन्न्ता और सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्वभर के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति में भी हमें विभिन्न मूल्यों की शिक्षा का वर्णन मिलता है। लेकिन देश के विशाल आकार और विविधता, विकसनशील तथा संप्रभुता संपन्न धर्म-निरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणतंत्र के रूप में इसकी

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डॉ अम्बेडकर महात्मा क्यों नहीं बन पाये ?

29 जनवरी 2015
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जब हम किसी भारतीय विचारक कि चर्चा करते हैं तब दो बातों पर पूरा ध्यान देते हैं। पहली बात तो यह है कि इस विचारधारा का भारत भारत के ज्ञान के भंडार को क्या योगदान है. मतलब है, इस विचारक का भारतीय समाज से क्या सरोकार है ? इसने समाज की समस्याओं को किस तरह उठाया है और दूसरा क्या निदान दिया है। और दूसरी

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गाँधीवाद की मृत्यु (गाँधी-जयंती विशेष)

29 जनवरी 2015
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२ अक्टूबर को गाँधी -जयंती बड़ी धूमधाम से मनायी जाती है और सरकार द्वारा जनता के पैसे का खूब दुरूपयोग किया जाता है । सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात है की एक भी गाँधीवादी वर्तमान में भारतीय समाज की समस्याओं के समाधान के लिए प्रयासरत नहीं है, क्यूंकि वर्तमान की ज्यादातर समस्याएँ उनके ही गुरु भाई राजनीति

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संत कबीर और दलित-विमर्श (संत कबीर दास जयंती पर विशेष )

29 जनवरी 2015
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कबीर का काव्य भारतीय संस्कृति की परम्परा में एक अनमोल कड़ी है। आज का जागरूक लेखक कबीर की निर्भीकता, सामाजिक अन्याय के प्रति उनकी तीव्र विरोध की भावना और उनके स्वर की सहज सच्चाई और निर्मलता को अपना अमूल्य उतराधिकार समझता है।कबीर न तो मात्र सामाजिक सुधारवादी थे और न ही धर्म के नाम पर विभेदवादी। वह

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दलित विमर्श और सह आस्तित्व

29 जनवरी 2015
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अक्सर ऐसा देखा जाता है की जब भी कोई व्यक्ति किसी विशेष विचारधारा का समर्थक बन जाता है और गहराई से केवल उसी पर एकमात्र चिन्तन करता है तो उसके मन में दूसरी अन्य विचारधाराओं के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण पैदा हो जाता है. ऐसा ही कुछ दलित चिंतकों और चिंतन में देखने को मिल रहा है. दलित के दो स्वरूप हमारे

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भारतीय युवा और भ्रष्टाचार का भविष्य

29 जनवरी 2015
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भारत देश एक ऐसा देश बनता जा रहा है जो कागजों में तो लोकतान्त्रिक देश कहलाता है पर वास्तविकता देखे तो कुछ और ही नजारा हमारे सामने दीखता है . कुछ तथ्य देखें : पिछले कुछ वर्षों से लगातार इन मुद्दो पे बातचीत हो रही और वर्तमान सरकार बेशर्म और नपुसंक बनकर जनता का शोषण रही है . नेता लगातार घोटाले करते

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दलित और हरियाणा की राजनीति

29 जनवरी 2015
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हरियाणा सरकार लगातार हरियाणा को नंबर वन बताने का दावा करती है पर यह दावा तब फीका पड़ जाता है जब बात दलितों और महिलाओं की सुरक्षा की आती है। हरियाणा में हो रही दलितों पर ज्यादतियों से तो यही लगता है की आज भी हरियाणा उसी युग में जी रहा है जहाँ पर जनजातियाँ और कबीले होते थे। एक कबीला दुसरे कबीलों के

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दर्शन सम्बन्धी प्रयासों और साहित्य के लिंक

30 जनवरी 2015
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अब तक जितनी भी कवितायेँ और लेख यहाँ प्रकाशित हैं सभी हमारी पहले के अलग अलग पेजों से लिए गए हैं .यहां पर मैं अपने सभी लिंक्स दे रहा हूँ जो शायद आपके लिए भी उपयोगी रहें : Society for Positive Philosophy and Interdisciplinary Studies (SPPIS) Haryana http://sppish.blogspot.in Philosophy

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गांधी बनाम गोडसे बनाम लोकतंत्र

30 जनवरी 2015
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आज गांधी जी की पुण्य-तिथि है। अख़बार और नेट पर भी एक दो ही सन्देश देखने को मिले। शायद महापुरुषो की महानता भी हमारी राजनीति की मोहताज है। शायद इस सरकार में गांधी को गोडसे से रेप्लेस कर दिया जाये, क्योंकि हिंदुत्व, हिन्दूदेश का नारा तो यही दे सकते हैं। संविधान के महत्वपूर्ण शब्दों में बदलाव का प्रयास

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दलित संत बनाम हिन्दुवाद (संत रविदास जी के जन्मदिवस पर विशेष)

2 फरवरी 2015
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शायद आप सभी को "दलित संत" शब्द अजीब लगे लेकिन मुझे यह शब्द प्रयोग करने में कोई संकोच नहीं है. यहां पर यह शब्द उन संतों के लिए प्रयोग किया गया है जो की दलित समुदाय या दलित चिंतन के आदर्श है. कितनी बड़ी विडंबना है की हम उन्हें संत भी कहते हैं और भेदभाव भी करते हैं. मह्रिषी वाल्मीकि, संत रविदास और बहुत

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मानवाधिकार अध्ययन की प्रमाणिकता

10 फरवरी 2015
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पिछले दिनों मानवाधिकार सम्बन्धी एक सेमिनार में हिस्सा लिया. कुछ अच्छे वक्तत्ता भी सुनने को मिले किन्तु कुछ शोध पत्रों में व्यवहारिकता की कमी लगी. उसी के बारे लिख रहा हूँ. मैंने कई लोगों को उन विचारकों के बारे में शोधपत्र पढ़ते देखा जिनका सीधा सम्बन्ध परम्परागत जीवन शैली से रहा है और मानवतावाद या मा

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हार्दिक बधाई

8 मार्च 2015
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष 8 मार्च को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन हमें महिलाओं को दोयम दर्जे से मुक्ति के फलस्वरूप किय

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अध्यापक ....

23 मार्च 2015
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बचपन से ही आदर्श अध्यापक के बारे यही सुनते आ रहे हैं कि उसके जीवन का उद्देश्य अपने विद्यार्थी को हर सम्भव सहायता और प्रेरणा देना होता है जिससे वह जीवन में सफलता प्राप्त करते है। लेकिन समय के साथ साथ या यूँ कहे की हमारी उम्र बढ़ने के साथ साथ यह बात मन में द्वन्द पैदा करती है की क्या वास्तव में ऐसा ही

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भारत में वैचारिक दरिद्रता

3 अप्रैल 2015
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एक बात तो स्पष्ट हो चुकी है की भारत में राजनीतिक पार्टियां अपना स्वरूप बिलकुल स्पष्ट कर चुकी हैं चाहे कोई गांधी के नाम पर राजनीति करे या हिन्दू धर्म के नाम पर। ...लोगों की मूर्खता की वजह से वो सत्ता में तो आ गए हैं लेकिन चरित्रहीन होकर। भाजपा की जनविरोधी नीतियां और आप का बचकानापन यह स्प्ष्ट कर चूका

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भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर जी के जन्मदिवस पर विशेष-2015

14 अप्रैल 2015
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सामाजिक एकता, सामाजिक समानता और भ्रातृत्व के पक्षधर, ज्ञान के प्रतीक, भारतीय लोकतन्त्र के प्रणेता, दलितों के मसीहा, भारत में बुद्ध धर्म के पुनरुद्धार करने वाले प्रबुद्ध विचारक, शिक्षाशास्त्री और समकालीन दार्शनिक भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर जी के जन्मदिवस पर आप सभी को हार्दिक बधाई। बाबा साहेब का जीव

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69वें भारतीय स्वतन्त्रता दिवस-2015 की हार्दिक शुभकामनायें

16 अगस्त 2015
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Yesterday’s Reflection:स्वतन्त्रता दिवस हम सभी के मन में उमंग और जोश भर देता है। साल के कुछ चुनिंदा दिनों को छोड़ कर हम देशभक्ति या देशप्रेम को एक तरफ रख देते हैं। भारतीयता की भावना सभी में बराबर होती है लेकिन हममे से कुछ एक ऐसे भी हैं जो मानवधिकार या अम्बेडकरवाद की बात करते हैं उनको देश द्रोही या सम

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विश्व दर्शन दिवस की हार्दिक बधाई

18 नवम्बर 2015
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सभी साथियों को विश्व दर्शन दिवस की हार्दिक बधाई। दर्शन सिर्फ अवधारणाओं पर चिंतन नहीं है बल्कि उनको फलीभूत करने से भी जुड़ा है। जिस दिन दार्शनिक और विचारक अपने इस दायित्व को समझ जायेंगे उस दिन समझ लेना भारत सचमुच में आजाद हो गया। वरना धर्म और निम्न मुद्दों को उठाकर जनता को आपस में भिड़ाने वाले नेता औ

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नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें

24 दिसम्बर 2015
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जय हिन्द और वंदे मातरम् जैसे नारे लगाने से देशभक्त नहीं हो जाते

16 फरवरी 2016
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जय हिन्द और वंदे मातरम् जैसे नारे लगाने से देशभक्त नहीं हो जाते। असली देशभक्ति है समाज की कमियों के बारे बोलने के साथ साथ सही काम करने की। जोकि भाजपा, संघ, ए बी वी पी के बस से बाहर की चीज़ है। सच को जानते हुए भी, बेशर्मों की तरह हर रोज सुन रहे हैं बात कर रहे हैं हम लोग। भारतीय समाज की मानवीयता बस पैस

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डॉ अम्बेडकर, भारतीय संविधान एवं भारतीय समाज पर कार्यक्रम

16 फरवरी 2016
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भारतवासियों को संविधान दिवस (26 नवम्बर) की हार्दिक बधाई ।

27 नवम्बर 2018
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सभी भारतवासियों को संविधान दिवस (26 नवम्बर) की हार्दिक बधाई । भारत गणराज्य का संविधान 26 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हुआ था। संविधान सभा के निर्मात्री समिति के अध्यक्ष डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी ने भारत के महान संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में 26 नवम्बर 1949 को पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया। गणतंत्र

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गौरव सोलंकी की पुस्तक "ग्यारहवीं A के लड़के"

27 नवम्बर 2018
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आजकल घर से यूनिवर्सिटी पढ्ने के लिये जाना मुझे उन दिनों की याद दिलाता है कॉलेज और यूनिवर्सिटी पढ्ने जाता था । मोबाईल की जगह हाथ और बैग मे किताबें ही होती थी।काश वो आदत दोबारा पड़ जाये ।आजकल गौरव सोलंकी की पुस्तक "ग्यारहवीं A के लड़के"पढ़ रहा हुँ।इसके किरदार आपके शहर में भी होंगे तो जरूर, भले ही आपक

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पुस्तक-समीक्षा :आधुनिक युवा-मानसिकता एवम् उसके नैतिक पतन की कहानियाँ

6 दिसम्बर 2018
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पुस्तक: ग्यारहवीं –A के लड़के लेखक: गौरव सोलंकी वर्ष: दूसरा संस्करण, अप्रैल 2018प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन प्रा. लि., नई दिल्ली.मूल्य : रू 125, पृष्ठ 144********************“ग्यारहवीं–A के लड़के” गौरव सोलंकी की छह कहानियों का संग्रह है जो व

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