डॉ भीमराव अंबेडकर और राजनीतिक लोकतंत्र
डॉ भीमराव अंबेडकर ने 25 नवंबर, 1949 को संविधान सभा में दिए अपने भाषण में अंबेडकर सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति में संविधान प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग जरूरी बताते हुए कहते हैं, ‘इसका मतलब है कि हमें खूनी क्रांतियों का तरीका छोड़ना होगा, अवज्ञा का रास्ता छोड़ना होगा, असहयोग और सत्याग्रह का रास्त