30 जनवरी 2015
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वर्तमान में दर्शनशास्त्र में सहायक प्राध्यापक . सकारात्मक दर्शन, भारतीय मनोविज्ञान, शिक्षा दर्शन, मानवाधिकार और दलित साहित्य में रूचि. दार्शनिक और अंतरविषयी शोध में सक्रिय और कई संस्थाओं से संबंधित तथा ३० के करीब शोधपत्र, पुस्तकें और इबुक्स प्रकाशित . .D
राहुल जी आपका प्रश्न सही है. यह प्रतिबंध तत्कालीन सरकार के हितों को साधने में मददगार रहा. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की हम उस समय की मुख्यधारा विरोधी विचारधारा को आदर्श बनाएं, जो की सिर्फ कुछ लोगों के हितों को ही बचाने का साधन बनेगी.
30 जनवरी 2015
सर,आप मुझे एक बात बताइये कि जिस देश में अभिव्यक्ति की आजादी है उस देश में गोडसे जी ने जो अदालत में अपना पक्ष में जो बयान दिये थे उन पर प्रतिबंध क्यों लगा दिया गया?
30 जनवरी 2015
धन्यवाद शालिनी जी. उम्मीद है ये चिंतन चलता रहे ..
30 जनवरी 2015
आपसे पूरी तरह से सहमत .सार्थक बात कही है आपने .
30 जनवरी 2015