(भारतीय सेना के वीर जवानों के नाम गणतंत्र दिवस पर समर्पित एक कविता)
-रचित भावसार
वंदन तुझे नमन तुझे,
हे भारतभूमि के मणिक,
तू है भारत की पहचान,
मातृभूमि का अभिमान।
शीतलहर या अगनप्रहर,
तू खड़ा अडिग हर पल,
शत्रु के मनसूबे को ललकारता,
तेरा प्रचंड संकल्प।
है कण कण में बिराजमान तुझमें भीम अर्जुन का बल,
नहीं आंख उठा सकता है दुश्मन देखकर तेरा शौर्य,
तेरे पराक्रम में है महाराणा की हुंकार,
राष्टप्रीति में तेरे झलकती छत्रपति की तलवार।
इंकलाब से सुशोभित तेरी जयहिंद की ललकार,
स्मरण दिलाता तपत्याग तेरा भगतसिंह का बलिदान,
सदैव अटल जीवन तेरा देशरक्षा में हर क्षण,
धन्य धन्य भारतवर्ष तुझ जीवन पुण्यमय।
वंदन तुझे नमन तुझे,
हे मां भारती के लाल।