तिजारत बनाया है धर्म को अब इन्सानियत खत्म करके।.
कानुन को धर्मो के रखदिया है अपनी मिलकीयत बना करके।
ऱखवाले न रहे धर्म के मौजकर रहे है आज सब ठेकेदार बन करके।.
खुदी को संभलना पडेगा कल्युग मे न आयेंगे भगवान इन्सान बन करके।.
(अशफाक खोपेकर)
30 जुलाई 2016
तिजारत बनाया है धर्म को अब इन्सानियत खत्म करके।.
कानुन को धर्मो के रखदिया है अपनी मिलकीयत बना करके।
ऱखवाले न रहे धर्म के मौजकर रहे है आज सब ठेकेदार बन करके।.
खुदी को संभलना पडेगा कल्युग मे न आयेंगे भगवान इन्सान बन करके।.
(अशफाक खोपेकर)