"धड़कन"यह मेरी बारहवीं आनलाइन प्रकाशित पुस्तक है।इसके पहले योर कोट्स पर शब्द कलश,तथा 'शब्दइन' पर नौ आनलाइन कविता संग्रह प्रकाशित है।'शब्दइन' पर ही एक लघु कथा संग्रह भी प्रकाशित हो रहा है। आज 21फरवरी2024के दिन इस संग्रह की शुरुआत हो रही है।यह दिन भी मेरे लिए विशेष दिन है।आज धरती कराह रही है और आसमान रो रहा।पीड़ा के क्रंदन में घुले हुए नेह के आंसू आंखों में बादल बने उमड़ घुमड़ रहे।क्रंदन मां की पीड़ा का तथा नेह के आंसू मेरी सुन्दरी के।दोनों मां की पीड़ासिक्त क्रंदन में घुलकर बेसुधि का धुंध बन सामने खड़े हैं। पीड़ा सिक्त मन के उद्गार लिए शुरु हुई है यह नई कविता संग्रह। आशा है कि "धड़कन" आप पाठकों का पूर्ववत सहयोग मिलेगा। ©ओंकार नाथ त्रिपाठी अशोक नगर बशारतपुर गोरखपुर