shabd-logo

*** दुख व खुशियाँ***

3 फरवरी 2016

1359 बार देखा गया 1359
featured imageमेरी खुशियाँ सिर्फ मेरी नहीं होती, बिखरा देती हूँ उन्हें अपने इर्द गिर्द।फिर जो भी आता मेरे दायरे में,,, वो उसकी भी खुशियाँ हो जाती हैं |भीग जाता,,, हो जाता सराबोर वो भी, उस खुशी की महक से । वो भीनी भीनी खुश्बू खुशी की, कर देती मजबूर उसे भी खुश हो जाने को। खुश हो कर खुशियाँ लुटाने को मेरे दुख सिर्फ मेरे अपने होते हैं समेट लेती हूँ उन्हें अपने आँचल में। छुपा लेती हूँ उन्हें पलकों के साये मेंजो नमीं बन समाए रहते हैं पलकों तले नहीं पड़ने देती किसी पर भी साया उन दुखों का, कर देती हूँ दफन उन्हें दिल की गहराईयों में ताकि न देख पाए... न जान जाए कोई उनकी हकीकत। नहीं चाहती मैं,,,कि कोई भी उदास हो दुखी हो जो भी मेरे आसपास हो।रहे सदा वो खुशहाली के साये में, खुशियाँ पाए खुशियाँ लुटाए।@ शशि शर्मा 'खुशी'

शशि शर्मा 'खुशी' की अन्य किताबें

5
रचनाएँ
shabdsarita
0.0
मन के भावों को शब्द रूप दे बही ह्रदय की शब्द सरिता
1

भाव और शब्द :-

29 दिसम्बर 2015
0
4
3

भावों को शब्द देना मानो समुद्र को तालाब की संज्ञा देना,,, भाव बहुत ही गहरे होते हैं, शब्दों की पहुंच वहाँ तक नही हो पाती, शब्दों की अपनी सीमितता है. वो गहरे भावों को खुद में समेट पाने में असमर्थ होते हैं. जब भी हम अपने भावों को शब्दों में जाहिर करने की नाकाम सी कोशिश करते हैं तो चाहे कितने भी शब्द प

2

मतलबी क्यूँ हो गए हैं ???

3 फरवरी 2016
0
5
0

आज ये सवाल हर इंसान के दिल में उठता है की आज लोग इतने मतलबी क्यूँ हो गए है ? इसमें ऐसी आश्चर्य वाली कोई बात नहीं है कि ऐसा क्यूँ है ? सच तो यही है कि संसार का हर रिश्ता जरुरत का रिश्ता है, हर प्राणी एक दुसरे से जरुरत के तहत जुडा हुआ है। जब प्राणी शिशु रूप में जन्म लेता है तब वो असहाय होता है, पुर्णत

3

*** दुख व खुशियाँ***

3 फरवरी 2016
0
4
0

मेरी खुशियाँ सिर्फ मेरी नहीं होती, बिखरा देती हूँ उन्हें अपने इर्द गिर्द।फिर जो भी आता मेरे दायरे में,,, वो उसकी भी खुशियाँ हो जाती हैं |भीग जाता,,, हो जाता सराबोर वो भी, उस खुशी की महक से । वो भीनी भीनी खुश्बू खुशी की, कर देती मजबूर उसे भी खुश हो जाने को। खुश हो कर खुशियाँ लुटाने को मेरे दुख सिर्फ

4

वर्ण-पिरामिड

6 फरवरी 2016
0
0
0

*जिंदगी*1.हैटेढीपहेलीजिंदगानीजो सुलझायेवही बना ज्ञानीशेष रहे अज्ञानी ==========*मधुर गान*2.हेरामअमृततेरा नाममधुर गानगाँऊ दिन रैनआये दिल को चैन===========*जीव*3.जोजीवजीवनजीता जाताजिंदादिली सेजरावस्था डरेजवान सदा रहे============*शीत लहर*4.लोआईठण्डकबेरहमशीत लहरढाती है कहरजिनके कच्चे घर=============*कम्

5

~ शब्दों का नकारात्मक व सकारात्मक पहलू ~

6 फरवरी 2016
0
1
0

शब्द ,वो है जो अगर सोच-समझकर ना बोले जाएँ तो बवाल मचा सकते हैं । शब्द वो हैं, जो किसी को तीखे तीर से भी गहरे घाव दे सकते हैं तो किसी दुखी हृदय के लिए मरहम भी बन सकते हैं । 'तोल-मोल के बोल ' और " ऐसी वाणी बोलिए ,जो मन का आपा खोय । औरन को शीतल करे,आपहूँ  शीतल होय ॥ " ये सब हमारे संत और ऋषि -मुनियों ने

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए