*माँ मैं फिर**माँ मैं फिर जीना चाहता हूँ, तुम्हारा प्यारा बच्चा बनकर**माँ मैं फिर सोना चाहता हूँ, तुम्हारी लोरी सुनकर,* *माँ मैं फिर दुनिया की तपिश का सामना करना चाहता हूँ, तुम्हारे आँचल की छाया पाकर**माँ मैं फिर अपनी सारी चिंताएँ भूल जाना चाहता हूँ, तुम्हारी गोद में सिर रखकर,* *माँ मैं फिर अपनी भूख
ईरान एवं ट्रम्प सरकार के बिगड़ते रिश्ते ( कोम की मस्जिद पर लहराया लहराया लाल झंडा) शोभा भारद्वाज पहली बार ईरान के अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट मेहराबाद ( इमाम खुमैनी अंतर्राष्ट्रीयएयरपोर्ट )से बाहर निकलते ही वहाँ लगे बहुत बड़े बोर्ड पर नजर पड़ी लिखा था ‘वीएक्सपोर्ट रिवोल्यूशन ‘ दूसरी तरफ के बोर्ड में
"पद"मोहन मुरली फिर नबजानाराह चलत जल गगरीछलके, पनघट चुनर भिगाना।लाज शरम की रहनहमारी, मैँ छोरी बरसाना।।गोकुल ग्वाला बालाछलिया, हरकत मन बचकाना।घूरि- घूरि नैनामलकावें, बात करत मुसुकाना।।अब नहिं फिर मधुबनको आऊँ, तुम सौ कौन बहाना।रास रचाना बिनुराधा के, और जिया पछिताना।।महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी