FlyDreams Publications
हर लेखक के सपने और हर पाठक के लिए एक अद्भुत प्रकाशन समूह । फ्लाइड्रीम्स पब्लिकेशन्स सबसे तेजी से बढ़ने वाला फिक्शन शैली का हिंदी प्रकाशन समूह है। "किताबें ज़रा हटके" - इस tagline के तहत आपको मिलेंगी वो किताबें जो हिंदी में कहीं और शायद ही मिलें, साइंस फिक्शन, फंतासी, हॉरर, जैसे विषयों में सबसे तेज़ी से उभरता प्रकाशन! #किताबें... ज़रा हट के! E-Mail : teamflydreams@gmail.com
लाइफ आजकल
‘The चिरकुटस’ के लेखक लेकर आये हैं, नए ज़माने की कहानियाँ, कुछ अपनी और कुछ आपकी। इन कहानियों में प्यार भी है तो तकरार भी, दोस्ती भी है तो लड़ाई भी, विश्वास भी है तो धोखा भी, मिलन है तो जुदाई भी। किसी कहानी में वो लड़का भी है जो लड़कियों से बात करने मे
लाइफ आजकल
‘The चिरकुटस’ के लेखक लेकर आये हैं, नए ज़माने की कहानियाँ, कुछ अपनी और कुछ आपकी। इन कहानियों में प्यार भी है तो तकरार भी, दोस्ती भी है तो लड़ाई भी, विश्वास भी है तो धोखा भी, मिलन है तो जुदाई भी। किसी कहानी में वो लड़का भी है जो लड़कियों से बात करने मे
खटक
कहते हैं, हर पुरानी इमारत की एक कहानी होती है, उसकी भी थी। दुनिया से लड़कर एक हुए अमन और परी की नई दुनिया इतनी भयानक होगी, किसी ने सोचा भी नहीं था। ब्रिटिश काल के बंगले में आती खटक, निर्माण दोष की वजह से थी या किसी समस्या की आहट...? अच्छा होता अगर व
खटक
कहते हैं, हर पुरानी इमारत की एक कहानी होती है, उसकी भी थी। दुनिया से लड़कर एक हुए अमन और परी की नई दुनिया इतनी भयानक होगी, किसी ने सोचा भी नहीं था। ब्रिटिश काल के बंगले में आती खटक, निर्माण दोष की वजह से थी या किसी समस्या की आहट...? अच्छा होता अगर व
नागलैंड
एक घना जंगल, एक अंजान आदिवासी समूह और रहस्यमयी नागमणि की खोज नागलैंड [प्रतिबंधित क्षेत्र] इस जगह से आगे का क्षेत्र पिञालियों का है। इस सीमा के आगे भारत के राज संविधान और धाराओं के कोई नियम लागू नहीं होते। पिञालियों की अस्मिता को बरकरार रखने के
नागलैंड
एक घना जंगल, एक अंजान आदिवासी समूह और रहस्यमयी नागमणि की खोज नागलैंड [प्रतिबंधित क्षेत्र] इस जगह से आगे का क्षेत्र पिञालियों का है। इस सीमा के आगे भारत के राज संविधान और धाराओं के कोई नियम लागू नहीं होते। पिञालियों की अस्मिता को बरकरार रखने के
किंचुलका - नैनम छिंदंति शस्त्राणि
"पापा, क्या हम राक्षस हैं?" "तो फिर हमारे पूर्वज किंचुलका को किंचुलकासुर क्यों कहते हैं?" भूत, भविष्य और वर्तमान कभी भी एक पटल पर नहीं आने चाहिए, क्योंकि कहते हैं अगर ऐसा हुआ तो प्रकृति जाग जाती है और कभी-कभी प्रकृति को सुसुप्ति से जगाना वीभत्स
किंचुलका - नैनम छिंदंति शस्त्राणि
"पापा, क्या हम राक्षस हैं?" "तो फिर हमारे पूर्वज किंचुलका को किंचुलकासुर क्यों कहते हैं?" भूत, भविष्य और वर्तमान कभी भी एक पटल पर नहीं आने चाहिए, क्योंकि कहते हैं अगर ऐसा हुआ तो प्रकृति जाग जाती है और कभी-कभी प्रकृति को सुसुप्ति से जगाना वीभत्स