shabd-logo

राष्ट्रीय बालिका दिवस

hindi articles, stories and books related to Rashtriy balika divas


वर्षो की गुलामी से भय मुक्त हुए एक समान बनने को हम तैयार हुए रखकर अपने कदम वैश्विक हर पहलू पर देखो हम लोकतंत्र के रूप में प्रतिष्ठित हुए 395 अनुच्छेद 12 अनुसूची और 25 भाग में विभाजित होकर विश्व क

बेटियों से, घर आबाद हो चला । बेटियों से संसार, सचमुच सार हो चला । ज़माने में, अब बेटियां, बेटों से कम तो नहीं हैं। हर क्षेत्र में, उन्होंने ही, इक नई दुनिया रची है। फिर क्यूं समाज, बेटियों को अबला

इस समूचे संसार का, ये अकेले बोझ ढोती है  ये, ये धरती माँ है, ये भी किसी की बेटी है  सच तो यह है, कि हम बोझ हैं एक बेटी पर  ना समझ लोग कहते हैं कि बेटी बोझ होती है घर में अहसासों की एक मुक़म्मल सो

featured image

शीर्षक --वजह सबकी खुशी की वजह हूँ,बस खुद से लापरवाह हूँ,सबकी खुशियों का ख्याल रखती हूँ,फिर भी कोई नही मेरी परवाह करता है,तभी तो दुनिया में बेटी बनकरआती हूँ,मुझे समझने की भूल न करो ,मैं यूँ ही बेब

आज राष्ट्रीय बालिका दिवस है,। बालिका शिक्षा, बालिका उत्थान, लैंगिक भेदभाव दूर करना, बालिकाओं को समाज में समानता का अधिकार देना इसका उद्देश्य है। आज हमारी बालिकाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ  क

प्रिय सखी।कैसी हो। हम अच्छे हैं। एक बात बताएं कल हमारे साथ क्या हुआ । दरअसल हम शोप के लिए माल लेने गये थे।जब हम बाहर जाते हैं तो हम फोन बहुत कम ही उठाते हैं।पर कल ना जाने कैसे जब पर्स में फोन रखा तो अ

featured image

ये बेटिया भारत की बेटियां हमारी बेटिया खिलखिलाती बेटियां । पालने में पलती जल्दी से समझदार होती है । कोई झंझट नही करती माँ बाप को समझती है। हमारी बेटिया खिलखिलाती बेटियां ।

मुबारक हो नन्ही सी परी को,जो कुदरत ने सौंदर्य से भरपूर बनाई है।जो घर के आंगन की शोभा है,मां के मन और दिल में छाई है।काफी वक्त गुजर गया ,उसके असौभाग्यशाली अतीत का।उसे कोसते थे लोग सोचते थे,एक मां झेलती

आज का विषय राष्ट्रीय बालिका दिवस    वर्तमान समय में देश की बेटियों ने हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया है। प्रतिदिन देश की बेटियाँ हर क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर देश का नाम रोशन कर रही है। ऐसे

हम हर साल कोई ना कोई दिवस मनाते ही रहते है किंतु आज के विषय के अनुसार क्या समाज व देश दुनिया में आज बालिका सुरक्षित है तो जवाब होगा नही जहां इस विषय पर तमाम राजनीती भी होती रहती है बुद्धिजीवी नेता भी

दोस्तों आइये आज हम बेटियों के ऊपर चर्चा करते हैं । आज भी हमारे देश में ऐसे सोच वाले लोग है जो बेटे और बेटी में भेदभाव करते हैं , क्योकि ऐसे लोगों को लगता है कि बेटे पूरी जिंदगी हमारे साथ रहकर हमारी से

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए