ख़ुद को अब दाग़दार कौन करे !
पीठ के पीछे वार कौन करे !!
ज़ख़्म देने को बात काफ़ी है !
आज ख़न्जर पे धार कौन करे !!
प्यार पर तेरे है यक़ीं मुझको !
जग में ये इश्तिहार कौन करे !!
आशियाँ पर हैं बर्क़ की नज़रें !
अब ये ज़िक्रे बहार कौन करे !!
इश्क़ दरिया है आग का कोई !
देखिये इसको पार कौन करे !!
है रिशू जिनकी बेवफ़ा फ़ितरत !
एैसे लोगों से प्यार कौन करे !!
रिशू तिलहरी