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गीत चतुर्वेदी एक हिंदी कवि, लघु कथा लेखक, गीतकार, पटकथा लेखक और उपन्यासकार हैं। अक्सर एक अवंत-गार्डे लेखक के रूप में माना जाता है, उन्हें 2007 में कविता के लिए भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार और 2014 में कथा के लिए कृष्ण प्रताप पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। गीत चतुर्वेदी का जन्म २७ नवम्बर १९७७ को मुम्बई में हुआ। उनके दो कविता-संग्रह न्यूनतम मैं (२०१७) और आलाप में गिरह (२०१०) प्रकाशित हैं। उसी वर्ष लम्बी कहानियों की दो किताबें सावंत आंटी की लड़कियाँ व पिंक स्लिप डैडी आयी। उन्हें कविता के लिए भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार, गल्प के लिए कृष्ण प्रताप कथा सम्मान मिल चुके हैं। ‘इण्डियन एक्सप्रेस’ सहित कई प्रकाशन संस्थानों ने उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ लेखकों में शुमार किया है। उनकी रचनाएँ देश-दुनिया की सत्रह भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। उनके नॉवेल सिमसिम के अँग्रेज़ी अनुवाद (अनुवादक : अनिता गोपालन) को ‘पेन अमेरिका’ ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित ‘पेन-हैम ट्रांसलेशन ग्रांट २०१६’ अवार्ड किया है। ज़्यादातर लोग छोटे शहरों से बड़े शहरों की ओर जाते हैं, लेकिन मैंने अपनी यात्रा उल्टे चलकर तय की है। मैं मुंबई में जन्मा, पढ़ाई-लिखाई, परवरिश, प्यार-मुहब्बत, शादी सबकुछ वहीं की और 23 की उम्र में रोज़गार के कारण मध्य और उत्तर भारत के छोटे शहरों की ओर चला आया। ऐसे कहूँ कि मैं समंदर के शहर में जन्मा और नदियों के शहरों में पहुँच गया। दसेक जगह रहने के बाद कुछ बरसों से अब भोपाल में हूँ। वेबसाइट : https://geetchaturvedi.com/

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सावंत आंटी की लड़कियाँ

सावंत आंटी की लड़कियाँ

गीत चतुर्वेदी की पहली कहानी ‘सावंत आंटी की लड़कियाँ’ जब 2006 में पहल पत्रिका में छपी थी, तो उसने हिन्दी साहित्य में तहलका मचा दिया। उसे छापने वाले संपादक ज्ञानरंजन के अनुसार, “इस कहानी ने हिन्दी साहित्य के ढेर सारे ऊँघते-आँघते लोगों को नींद से जगा दिय

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गीत चतुर्वेदी की पहली कहानी ‘सावंत आंटी की लड़कियाँ’ जब 2006 में पहल पत्रिका में छपी थी, तो उसने हिन्दी साहित्य में तहलका मचा दिया। उसे छापने वाले संपादक ज्ञानरंजन के अनुसार, “इस कहानी ने हिन्दी साहित्य के ढेर सारे ऊँघते-आँघते लोगों को नींद से जगा दिय

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पिंक स्लिप डैडी

पिंक स्लिप डैडी

2009 में जब ‘पिंक स्लिप डैडी’ का पहला प्रकाशन हुआ था, तब ‘कथादेश’ पत्रिका ने उसे हाल के वर्षों की सर्वश्रेष्ठ कथाकृति कहा था। यह हिन्दी की उन विरल कथाकृतियों में है, जो कार्पोरेट जगत के तिलिस्म, छल, अपमान, गलाकाट प्रतिस्पर्धा और हास्यास्पद बौद्धिकता

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पिंक स्लिप डैडी

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2009 में जब ‘पिंक स्लिप डैडी’ का पहला प्रकाशन हुआ था, तब ‘कथादेश’ पत्रिका ने उसे हाल के वर्षों की सर्वश्रेष्ठ कथाकृति कहा था। यह हिन्दी की उन विरल कथाकृतियों में है, जो कार्पोरेट जगत के तिलिस्म, छल, अपमान, गलाकाट प्रतिस्पर्धा और हास्यास्पद बौद्धिकता

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आलाप में गिरह

आलाप में गिरह

यूँ तो गीत चतुर्वेदी की पहली कविता 1994 में छप गई थी, जब उनकी उम्र 17 वर्ष थी, लेकिन कविताओं की पहली किताब बनाने में उन्होंनें अगले 16 साल और लगा दिए। इस किताब में शामिल सबसे पुरानी कविता 1995 में लिखी गई थी, तो सबसे ताज़ा 2009 में। जब 2010 में ‘आलाप

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आलाप में गिरह

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यूँ तो गीत चतुर्वेदी की पहली कविता 1994 में छप गई थी, जब उनकी उम्र 17 वर्ष थी, लेकिन कविताओं की पहली किताब बनाने में उन्होंनें अगले 16 साल और लगा दिए। इस किताब में शामिल सबसे पुरानी कविता 1995 में लिखी गई थी, तो सबसे ताज़ा 2009 में। जब 2010 में ‘आलाप

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न्यूनतम मैं

न्यूनतम मैं

2017 में प्रकाशित गीत चतुर्वेदी का दूसरा कविता संग्रह, जिसमें 2010 से 2014 तक की 63 कविताएँ शामिल हैं। स्पंदन कृति सम्मान से सम्मानित ‘न्यूनतम मैं’ गीत की बहुचर्चित किताब है। प्रकाशन के तुरंत बाद ही ‘दैनिक जागरण बेस्टसेलिंग लिस्ट’ सहित कई अन्य फोरम्स

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न्यूनतम मैं

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2017 में प्रकाशित गीत चतुर्वेदी का दूसरा कविता संग्रह, जिसमें 2010 से 2014 तक की 63 कविताएँ शामिल हैं। स्पंदन कृति सम्मान से सम्मानित ‘न्यूनतम मैं’ गीत की बहुचर्चित किताब है। प्रकाशन के तुरंत बाद ही ‘दैनिक जागरण बेस्टसेलिंग लिस्ट’ सहित कई अन्य फोरम्स

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ख़ुशियों के गुप्तचर

ख़ुशियों के गुप्तचर

गीत चतुर्वेदी की नई किताब है ‘ख़ुशियों के गुप्तचर’, जिसमें 2015 से 2019 के बीच लिखी उनकी 81 कविताएँ संग्रहीत हैं। पारभासी छवियों, विलक्षण बिम्बों, अनूठी शैली और हृदयस्पर्शी कविताओं के लिए विख्यात गीत चतुर्वेदी को साहित्य के विद्वान समाज का भी प्रेम मि

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ख़ुशियों के गुप्तचर

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गीत चतुर्वेदी की नई किताब है ‘ख़ुशियों के गुप्तचर’, जिसमें 2015 से 2019 के बीच लिखी उनकी 81 कविताएँ संग्रहीत हैं। पारभासी छवियों, विलक्षण बिम्बों, अनूठी शैली और हृदयस्पर्शी कविताओं के लिए विख्यात गीत चतुर्वेदी को साहित्य के विद्वान समाज का भी प्रेम मि

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अधूरी चीज़ों का देवता

अधूरी चीज़ों का देवता

गीत चतुर्वेदी के गद्य में उनकी कविता की ख़ुशबू है। ‘अधूरी चीज़ों का देवता’ उनके जादुई गद्य का ताज़ा उदाहरण है। साहित्य, सिनेमा, कला, संगीत, कविता, किताबें – गीत चतुर्वेदी के अध्ययन और रुचियों के विस्तृत दायरे की एक पहचान इस किताब से मिल जाती है। इस क

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अधूरी चीज़ों का देवता

अधूरी चीज़ों का देवता

गीत चतुर्वेदी के गद्य में उनकी कविता की ख़ुशबू है। ‘अधूरी चीज़ों का देवता’ उनके जादुई गद्य का ताज़ा उदाहरण है। साहित्य, सिनेमा, कला, संगीत, कविता, किताबें – गीत चतुर्वेदी के अध्ययन और रुचियों के विस्तृत दायरे की एक पहचान इस किताब से मिल जाती है। इस क

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