बेटा बेटी एक समान
कहता है गीता का ज्ञान
फिर भी बेटी को क्यू
नहीं मिल रहा सम्मान
हम मंगल पर चले गये.पर नारी के लिये हमारे विचार मंगल जितनी उंचाई वाले नहीं.हम घर मैं दुर्गा को पूजते है .पर अगर घर मैं बेटी रूपी दुर्गा पैदा हो जाये ...तो घर मैं मातम छा जाता है .हद तो तब होती है ,जब हिजड़े भी बेटी के जनम पर अधिक पैसे की मांग नहीं करते .अंतर नहीं है हमारे और हिजड़े की सोच मैं ...उनको तो भगवान ने हिजड़ा बनाया ,पर हमलोग तो रेडिमेंट हिजड़े है