13 मार्च 2016
तिलकहरूंओं को गुड से पानी पिलाकर कहा नहीं लेंगे दहेज। ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, आदरणीय मित्रों, पहल तो होनी चाहिये,,,हालांकि कठिनाइयां भी कम नहीं आती। अब देखिये हमारे फेसबुक के मित्र व विद्यालय में अध्यापक श्री शिवचरन यादव जी का।उन्होंने कह दिया कि बरात में मात्र दो ढाई दर्जन लाेग ही जायेंगे। सडक घेरकर लोग नाचेंगे नहीं, पटाके नही छूटेंगे, और डीजे भी नहीं होगा। शादी पूरे तौर पर आडम्बर रहित होगी। घर वालों को तो मना लिया किन्तु बधू पक्ष के लोगों को मनाना मुश्किल होने लगा। तर्क दिया गया कि लोग क्या कहेंगे.....? कैसा लगेगा....? अरे भाई लोगों के कहने की चिन्ता ने ही तो बर्बाद कर दिया,,,खेत बेचकर, कर्ज लेकर छदम शानो शौकत को दिखाने में ही तो परिवार उजडते जा रहे हैं।
13 मार्च 2016